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चिकनगुनिया में हड्डियों में इतना दर्द क्यों होता,जानें एक्सपर्ट से

8/9/2025 12:58:04 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Saba Afrin 
 
चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. यह वही मच्छर है जो डेंगू और जीका वायरस भी फैलाता है. चिकनगुनिया का वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश करके इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है. ये बीमारी आमतौर पर बारिश के मौसम में ज्यादा फैलती है, जब मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है. संक्रमित व्यक्ति को बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, त्वचा पर रैशेज और सिरदर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं. यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता, बल्कि मच्छर के ज़रिए ही ट्रांसमिट होती है. इसका वायरस शरीर में सूजन और इन्फ्लेमेशन पैदा करता है, जिससे शरीर कई तरह की रिएक्शन देने लगता है। 
चिकनगुनिया संक्रमण शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसका सबसे आम और परेशान करने वाला लक्षण है जोड़ों और हड्डियों में दर्द. मरीज को तेज बुखार के साथ-साथ हाथ, पैर, घुटनों, कंधों और पीठ में असहनीय दर्द महसूस होता है. कई बार ये दर्द महीनों तक बना रह सकता है, जिससे चलना-फिरना और रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है. कुछ लोगों को त्वचा पर लाल चकत्ते, थकावट, आंखों में जलन और मतली जैसी समस्याएं भी होती हैं. लेकिन जो बात सबसे ज्यादा पीड़ा देती है, वह है हड्डियों और जोड़ों का सूजनयुक्त दर्द, जो धीरे-धीरे क्रॉनिक बन सकता है. आइए समझते हैं कि चिकनगुनिया में यह दर्द क्यों होता है और इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। 
चिकनगुनिया की वजह से हड्डियों में दर्द क्यों होता है?
दिल्ली MCD में डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि चिकनगुनिया वायरस जब शरीर में प्रवेश करता है, तो यह सीधे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और जोड़ों व हड्डियों में सूजन पैदा करता है. यह सूजन ही दर्द का मुख्य कारण बनती है. वायरस शरीर की इम्यूनिटी को इस हद तक एक्टिव कर देता है कि वह अपने ही टिश्यूज़ पर हमला करने लगती है, जिससे इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स होता है. यह प्रक्रिया जोड़ों के आसपास के तरल पदार्थ को प्रभावित करती है, जिससे चलने-फिरने या अंग हिलाने में दर्द होता है.
 
कुछ मामलों में यह दर्द हफ्तों या महीनों तक रह सकता है, जिसे पोस्ट वायरल आर्थराइटिस कहा जाता है. चिकनगुनिया का वायरस हड्डियों के भीतर के टिशूज़ में सूजन और जकड़न बढ़ा देता है. यही कारण है कि बुखार उतर जाने के बाद भी हड्डियों और जोड़ो का दर्द लंबे समय तक बना रह सकता है. जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है या जिन्हें पहले से गठिया जैसी समस्या हो, उन्हें यह दर्द ज्यादा तकलीफ देता है.
 
कैसे करें बचाव?
.मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.
 
.घर और आसपास पानी जमा न होने दें.
 
.मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट और कॉइल का इस्तेमाल करें.
 
.घर में दरवाजों और खिड़कियों पर मच्छरदानी या नेट लगाएं.
 
.बारिश के मौसम में सुबह-शाम मच्छरों से विशेष सावधानी बरतें.
 
.बुखार और दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
 
कोयलांचल लाइव डेस्क