Date: 01/09/2025 Monday ABOUT US ADVERTISE WITH US Contact Us

केंसर पीड़ित आठ वर्षीय बेटे की करवाता रहा झाड़-फूंक, ईसाई मिशनरियों पर भरोसा; बच्चे की मौत के बाद दंपती ने अपनाया हिंदू धर्म
 

8/19/2025 5:39:50 PM IST

84
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
 Hazaribagh : हजारीबाग में धर्मांतरण का एक दुखद मामला सामने आया है। एक दंपती ने अपने कैंसर पीड़ित आठ साल के बेटे का इलाज कराने के बजाय ईसाई मिशनरियों की चंगाई सभाओं पर भरोसा किया। मुंबई के डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी थी लेकिन वे बच्चे को पंजाब ले गए और प्रार्थना सभाओं में शामिल हुए। हालत बिगड़ने पर बच्चे को पादरी के घर ले जाया गया।झारखंड के हजारीबाग में धर्मांतरण को लेकर ईसाई मिशनरियों द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का दुखद और घिनौना चेहरा सामने आया। चमत्कार से दर्द ठीक करने की बात कहने वाले मिशनरी एजेंटों की बातों पर विश्वास करने की कीमत एक दंपती को अपने आठ साल के बेटे की जान गंवाकर चुकानी पड़ी।मामला हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के आरा भूसी पंचायत अंतर्गत ढोढ़वा गांव का है। यहां के राजू यादव और उनकी पत्नी ने कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। उनके आठ साल के बेटे को कैंसर था। मुंबई में डॉक्टरों ने सर्जरी कराने की सलाह दी थी, लेकिन दंपती ने डॉक्टरों की सलाह मानने के बजाय चंगाई सभाओं का सहारा लिया।चर्च के लोगों की सलाह पर वे बच्चे को लेकर पंजाब चले गए। वहां दो महीने तक विभिन्न जिलों में आयोजित चर्च की प्रार्थना सभाओं में शामिल हुए। इसके बाद हजारीबाग लौटने के बाद भी वे चंगाई सभा में पदमा आदर के शिव कुमार यादव और झोंझी गांव के भुवनेश्वर राणा से झाड़-फूंक कराते रहे। पिछले छह माह से राजू यादव और उनकी पत्नी अपने बेटे को लेकर आधा दर्जन गांवों में आयोजित प्रार्थना सभाओं में जाते रहे, लेकिन बात नहीं बनी।गुरुवार को कैंसर पीड़ित बच्चे की हालत बिगड़ी तो दंपती उसे लेकर कटकमसांडी के झोंझी गांव निवासी पादरी भुवनेश्वर राणा के घर पहुंचे। यहां सुबह चार बजे से दस बजे तक प्रार्थना और झाड़-फूंक का दौर चलता रहा, लेकिन इलाज की बजाय चंगाई सभा पर भरोसा करने के कारण बच्चे ने वहीं दम तोड़ दिया। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क