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उफ़ हाय हाय रे यह विकास  : वास्तव में यह सड़क लाइफ लाइन है या डेड लाइन 
 

9/3/2025 4:12:41 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
 Dumka  : दुमका जिले का लाइफलाइन सड़क इन दिनों बदहाल है। सड़क का हाल ऐसा हो गया है कि इसपर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है और इसका कारण है कोयला ढुलाई वाला ट्रक। इसका खूब विरोध हुआ लेकिन कंपनी है कि मानने को तैयार नहीं ग्रामीण सांसद विधायक सब इसका विरोध कर रहे है कि कोयला ढुलाई बंद करो लेकिन कंपनी की मनमानी इतनी की वह सुनने को तैयार नहीं । सांसद ने तो लोक सभा में भी इसके बारे में सवाल किया है । खराब सड़क और कोयला लोड वाहनों का परिचालन आम जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है और लगभग हरेक दिन किसी न किसी रूप में हादसा भी हो रहा है । समझ नहीं आता है कि यह सब विकाश का पैमाना है या विनाश का ? आइये तस्वीर झूठ नहीं बोलती यहां कि सही स्थिति पर जरा नजर दौड़ाएं।   
 
हाले  सड़क दास्तान :
 
  यह सड़क नहीं गड्ढा है भाई थोड़ा संभलकर चलना ,गोविंदपुर से साहेबगंज तक यह रोड बना था जो दुमका से पाकुड़ और साहेबगंज को जोड़ता है। लेकिन लगभग दो साल से अमडापाड़ा से दुमका रेलवे साइड तक हजारों कोयला गाड़ियों का परिचालन इस रोड को बर्बाद कर दिया है । इस जनता के रोड को कंपनी ने बर्बाद तो किया ही सैकड़ों लोगों की जान भी चली गई है । इलाके में प्रदूषण फैलाकर कोयला कंपनी जीवन की गाड़ी को रोक दिया है । कुछ दिन पहले सांसद विधायक के समर्थन से काठीकुंड के ग्रामीणों ने एक सप्ताह तक चक्का जाम की इसमें कई मांग रखी गई । कहा गया था कि कंपनी कोयला ढुलाई के लिए अलग सड़क बनवा ले ,DMFT फंड का पैसा यहां के समस्या समाधान के लिए दे । कंपनी ग्रामीण और प्रशासन के बीच समझौता हुआ सभी मांग मान लिया लेकिन आज तक कोई मांग पूरा नहीं किया लिहाजा ग्रामीण फिर से आंदोलन का मुड़ बना रहे हैं ।
 
क्या कहा इन महानुभावों ने :
 
जब ग्रामीणों ने रोड जाम किया था तो यह भी समझौता हुआ कि दिन में कोयला ढुलाई नहीं होगा और ओवरलोड नहीं चलेगा लेकिन अब तो कंपनी की मनमानी और बढ़ गई है अब तो 24 घंटा ओवरलोड चल रहा है लेकिन प्रशासन भी इस पर मौन है । विधायक कहते हैं कि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो फिर से आंदोलन होगा फिलहाल कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा है कि अलग सड़क बनवा ले ।
 
(अब्दुल जब्बार अंसारी , काठीकुंड प्रखंड अध्यक्ष )
 
 जब ग्रामीणों ने रोड जाम किया था तो यह भी समझौता हुआ कि दिन में कोयला ढुलाई नहीं होगा और ओवरलोड नहीं चलेगा लेकिन अब तो कंपनी की मनमानी और बढ़ गई है अब तो 24 घंटा ओवरलोड चल रहा है लेकिन प्रशासन भी इस पर मौन है । विधायक कहते हैं कि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो फिर से आंदोलन होगा फिलहाल कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा है कि अलग सड़क बनवा ले ।
 
 
आलोक कुमार सोरेन  (विधायक शिकारीपाड़ा )
 
 दुमका के सांसद नलिन सोरेन ने इस मामले को लेकर सदन में भी सवाल किया था कि कंपनी इतनी मनमानी क्यों कर रही है पब्लिक के सड़क को क्यों बर्बाद कर दिया । सांसद ने कहा कि आश्वासन मिला है सड़क को फोर लेन बनाया जाएगा ।
 
 
नलिन सोरेन  (सांसद दुमका लोक सभा ) 
 
 कोयला ढुलाई कर रही बीजीआर कंपनी के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक विरोध हो रहा है । दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला रैक हटाने की मांग हो रही है लेकिन कंपनी के लोग मानने को तैयार नहीं लिहाजा इस इलाके में प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है और सड़क पर हर दिन लोगों की जान जा रही है । इस मामले में कुछ सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर सरकार और प्रशासन क्यों मौन हैं सवाल यह भी हो रहा है कि इस कोयले की काली कमाई में कही सफेदपोश की मिलीभगत तो नहीं ?
 
 
दुमका से कोयलांचल लाइव के लिए विजय तिवारी की रिपोर्ट