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चीन पर नजर, भारत-अमेरिका के बीच 4 अरब डॉलर का रक्षा सौदा,नौसेना को मिलेंगे निगरानी विमान

9/12/2025 1:16:19 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
World News : भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनातनी के बीच जल्द ही एक अहम व्यापारिक बातचीत होने वाली है. अगले हफ्ते एक उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचेगा, जिसमें अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारी और बोइंग कंपनी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 
इस दौरे का मुख्य एजेंडा होगा करीब 4 अरब डॉलर का रक्षा सौदा, जिसके तहत भारत को छह नए P-8I नौसैनिक निगरानी विमान मिल सकते हैं. यह वही समझौता है जो पिछले कई महीनों से अटका हुआ था और अब दोबारा आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। 
 
सौदा क्यों खास है?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और भारत के बीच यह वार्ता उस समय हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर भी प्रगति के संकेत दिख रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि भारत से बातचीत जारी है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमेरिका को “करीबी दोस्त और प्राकृतिक साझेदार” बताया है। 
हालांकि, इस डील में रुकावट तब आई जब अमेरिका ने भारतीय सामान पर 25% शुल्क लगा दिया था और बाद में रूस से कच्चे तेल की खरीद पर भी 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया. इसके कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव आ गया था। 
 
P-8I विमान क्या है?
अब सवाल उठता है कि यह विमान है क्या और भारत इसे क्यों खरीदना चाहता है?P-8I असल में अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाया गया नौसैनिक गश्ती विमान है. इसे लंबी दूरी की निगरानी और समुद्री अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है. यह विमान पनडुब्बियों का पता लगाने, दुश्मन के जहाजों पर नजर रखने और समुद्र के बड़े हिस्सों में लगातार निगरानी करने में सक्षम है.
 
भारत ने 2009 में पहली बार अमेरिका से 8 P-8I विमान खरीदे थे, जिनकी कीमत करीब 2.2 अरब डॉलर थी. इसके बाद 2019 में 4 और विमान लिए गए. ये सभी विमान फिलहाल तमिलनाडु के राजाली नौसैनिक अड्डे पर तैनात हैं और हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार गश्त करते हैं. खासकर मलक्का जलडमरूमध्य जैसे रणनीतिक रास्तों पर ये विमान भारत की आंख और कान बने रहते हैं। 
 
क्यों जरूरी है भारत के लिए?
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी भारत के लिए चिंता का विषय रही है. ऐसे में भारत चाहता है कि उसकी समुद्री सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें. P-8I जैसे आधुनिक विमान न सिर्फ निगरानी कर सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर हमला करने की क्षमता भी रखते हैं। यही वजह है कि भारत इस सौदे को जल्द से जल्द आगे बढ़ाना चाहता है. अगर यह डील पूरी होती है तो भारत के पास कुल 18 P-8I विमान हो जाएंगे, जिससे नौसेना की ताकत और भी बढ़ जाएगी। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क