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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में  घर का भेदी लंका ढाहे की स्थिति ?
 

9/23/2025 4:48:27 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : एक कहावत है "घर का भेदी लंका ढाए " जी हां विशेष कर राजनीतिक में यह कहावत चरितार्थ होते रही है। यही स्थिति बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों महत्वपूर्ण गठबंधन एनडीए और इंडिया गठबंधन की बीच चल रही है । कलह दोनों ओर है फर्क यह है कि एनडीए के बीच चल रही जंग बाहरी से है अर्थात बागी बन जदयू के ही पूर्व नेता प्रशांत किशोर से है। उन्होंने बिहार के  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा जदयू के सर्वमान्य नेता मानस पुत्र कहे जाने वाले मंत्री अशोक चौधरी के ऊपर 200  करोड़ काला धन एकत्रित करने का आरोप लगाया है । हालांकि महत्वपूर्ण बात यह है कि जदयू में रहते प्रशांत किशोर को ऐसे मुद्दे क्यों नहीं मिले ? और अब इसे हथकंडा बनाकर वह क्या साबित करना चाहते हैं ? जहां तक बिहार में नीतीश के सुशासन सरकार की बात है तो इसमें कहीं भी संदेह नहीं कि लालू राज से वर्तमान में बिहार की तस्वीर और तकदीर बदली है। बिहार में काफी कार्य हुए हैं जिसके आधार पर एक बार पुनः वापसी के लिए नीतीश सरकार दावेदार जरूर है । और उन्हें  लांछन लगाने से पहले खुद को शीशे में झांकने की जरूरत है। और राजनीति में काला धन एकत्रित करना कोई बहुत आश्चर्य की बात नहीं। क्योंकि ऐसी पुरानी इतिहास रही है । लेकिन सवाल यह है कि उक्त काला धन आखिर किस मार्फत सामने आया है और प्रशांत किशोर अगर इसे बाहर ही करना चाहतें है तो इस मामले में ठोस सबूत के साथ बार करें । तो हो सकता है कि इससे एनडीए को  थोड़ी परेशानी बढ़े वरना ऐसे आरोप सतह पर बैठ नहीं पाते। ऐसे मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार रावण और अशोक चौधरी विभीषण नहीं बनेंगे तथा इस प्रकार के आरोप से प्रशांत किशोर वोट कटवा से सत्ताधारी नेता नहीं बन जाएंगे। इस प्रकार के आरोप लगाने से पहले उन्हें जनता के बीच ठोस सबूत के साथ आना होगा। लालू शासन से नीतीश शासन हर हाल में बेहतर रहा है और आगे भी रहने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई नई भूमिका के नेता नहीं है बल्कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से लेकर प्रांतीय मंत्रिमंडल तक उन्होंने अपनी पहचान बनाई है और आगे भी बताने का दमखम रखते हैं।
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क