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मानसून में हुई धनबाद की काव्य गोष्ठी में कविताएं और गजलों की होती रही जोरदार बौछार
6/23/2025 3:16:56 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad :
धनबाद के कोयला नगर, बी. सी. सी. एल अतिथि गृह में रविवार शाम को देश के जाने माने गज़लकार व लोकप्रिय साहित्यकार राजपाल यादव " राज ' जी भव्य काव्य गोष्ठी मे मुख्य अतिथि के रूप मे हरियाणा ( गुड़गांव) से आमंत्रित थे , काव्य गोष्ठी का आयोजन " साहित्योदय " संस्था की जिला अध्यक्ष रिंकू दुबे ' वैष्णवी ' ने किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमिला श्री तिवारी एवं आचार्य संजय सिंह ' चंदन ' ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य अतिथि को साहित्योदय संस्था जिलाध्यक्षा रिंकू दुबे ' वैष्णवी ' ने अंग वस्त्र प्रदान कर एवं आचार्य संजय सिंह चंदन ने पुष्प गुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया साथ ही विशेष अतिथि बी. सी. सी. एल हेड ऑफिस के जन संपर्क व राज भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष व प्रबंधक उदय वीर सिंह को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। शानदार व बेहतरीन संचालन युवा लोकप्रिय गज़लकार अनंत महेंद्र ने किया। सरस्वती वंदना से लोकप्रिय साहित्यकारा डॉ. संगीता नाथ ने आगाज किया, सभी कवियों ने अपनी धमाकेदार ग़ज़ल और काव्य से शमा को बांधे रखा। अन्य कवियों व गज़लकारों मे मुख्य अतिथि राजपाल यादव ' राज' जी के " चट्टानों को चीर कलम से लेखन करने मिकला हूँ "" और " श्रीमती स्वछंद हुई - बाई भी अब बंद हुई , कोविड के इस कठिन दौर में हालत अपनी तंग हुई " गज़लों को खूब सराहा गया, गोष्ठी में प्रमिला श्री तिवारी की रचना "" सिखाती भी यही दुनिया, पढाती भी यही दुनिया , कभी भ्रम जाल फंदों मे फंसाती भी यही दुनिया "" ने खूब ताली बटोरी,आचार्य संजय सिंह ' चंदन', ग़ज़लकारा डॉ. संगीता नाथ जी की वंदना "" माँ शारदे, माँ शारदे ,ममता का तू उपहार दे "" लोगों ने पसंद किया, उदय वीर सिंह, साहित्यकारा रिंकू दुबे 'वैष्णवी ' की रचना "" प्रीत बसाकर चैन चुराकर, गोकुल धाम गए गिरधारी "" कवि विश्वजीत विश्वकिरण की खोरठा रचना "" चलगे सजनी मेला देखे झारखंडी बाजार में "" अद्भुत प्रस्तुति रहा, स्नेह प्रभा पांडेय, ग़ज़लकारा प्रीति कर्ण की रचना "" तोड़ कर अनुबंध सारे खिल गई थी चाँदनी "" को खूब सराहा गया, शालिनी झा, सरिता पांडेय, युवा ग़ज़लकार अनंत महेंद्र, युवा कवि तुषार कश्यप , भोजपुरी कवयित्री सुमन मिश्रा, बांग्ला कवयित्री नीरजा पप्पी आदि ने एक से बढ़कर एक काव्य और गज़लों से शाम को रंगीन, देश भक्ति, बरसात की रचनाएँ परोस कर बेहतरीन प्रस्तुति की। अंत में सभी साहित्यकारों व अतिथि का आभार व्यक्त किया डॉ संगीता नाथ जी ने।
उमेश तिवारी कोयलां
चल लाइव डेस्क
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