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बांकुरा में महिला उद्यमिता व उच्च गुणवत्ता वाले मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी (आईएसएम) की हितकारी बैठक 
 

6/23/2025 3:16:56 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad  : आईआईटी (आईएसएम) के प्रबंधन अध्ययन एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर नीलाद्रि दास और प्रोफेसर रश्मि सिंह ने पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के सालतोड़ा ब्लॉक स्थित सलमा ग्राम पंचायत कार्यालय में एक अहम हितधारक बैठक का आयोजन किया। यह बैठक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), कोलकाता के कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत प्रायोजित परियोजना "पश्चिम बंगाल में आदिवासी महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मिलेट (श्रीअन्न) उत्पादन हेतु क्षमता निर्माण कार्यक्रम का डिज़ाइन एवं क्रियान्वयन और प्रभावी विपणन हेतु एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का निर्माण" के अंतर्गत आयोजित की गई थी। बैठक में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की ओर से प्रो. रश्मि सिंह एवं प्रो. नीलाद्रि दास ने विचार-विमर्श का नेतृत्व किया। स्थानीय प्रशासन की ओर से सालतोड़ा प्रखंड के खंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सौमल्य घोष, सलमा ग्राम पंचायत की प्रधान श्रीमती बेबी मुखोपाध्याय, पंचायत सदस्य, कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ, स्वास्थ्यकर्मी, कृषि अधिकारी एवं स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला किसान और महिला उद्यमियों की भागीदारी रही, जिससे लैंगिक सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता दी गई।आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की तकनीकी टीम—श्री रोहित सिंह, श्री निलेश कुमार, श्री सन्नी कुमार, श्री आनंद चंद्र साहू, सुश्री सुमना बनर्जी और श्री पवन कुमार—ने भी भाग लिया और तकनीकी सुझावों के साथ ज़मीनी स्तर पर लागू की जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा की। बैठक का उद्देश्य स्थानीय विकास चुनौतियों का आकलन करना, टिकाऊ एवं जलवायु सहनशील मिलेट-आधारित आजीविका को बढ़ावा देना, आदिवासी महिलाओं को उद्यमिता के लिए सशक्त करना और डिजिटल बाजार तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना था। प्रो. रश्मि सिंह ने कहा, "हम वैज्ञानिक तकनीकों को आदिवासी महिलाओं के अनुभवों के साथ जोड़कर मिलेट खेती को लाभकारी और जलवायु-संवेदनशील बनाना चाहते हैं।" प्रो. नीलाद्रि दास ने बताया, "डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों और बाजार के बीच की दूरी को घटाएगा और महिलाओं को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा।" आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की तकनीकी टीम में रोहित सिंह, निलेश कुमार, सन्नी कुमार, आनंद चंद्र साहू, सुमना बनर्जी और पवन कुमार ने भी भाग लिया और तकनीकी सुझावों के साथ ज़मीनी स्तर पर लागू की जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा की।बैठक का उद्देश्य स्थानीय विकास चुनौतियों का आकलन करना, टिकाऊ एवं जलवायु सहनशील मिलेट-आधारित आजीविका को बढ़ावा देना, आदिवासी महिलाओं को उद्यमिता के लिए सशक्त करना और डिजिटल बाजार तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना था।
प्रो. रश्मि सिंह ने कहा, "हम वैज्ञानिक तकनीकों को आदिवासी महिलाओं के अनुभवों के साथ जोड़कर मिलेट खेती को लाभकारी और जलवायु-संवेदनशील बनाना चाहते हैं।" वहीं प्रो. नीलाद्रि दास ने बताया, "डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों और बाजार के बीच की दूरी को घटाएगा और महिलाओं को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा।" यह पहल पहले चरण में सालतोड़ा एवं आसपास के ब्लॉकों की 500 से अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क