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उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की भूमि बन रही है वैश्विक पहचान,146 वीं जयंती पर मनी लमही महोत्सव 
 

7/31/2025 4:56:51 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Lamhi : उत्तर प्रदेश मे वाराणसी का लमही  गांव को धीरे धीरे वैश्विक पहचान मिलने लगा है। अब लोग एक बार विश्व के महान उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के जन्म स्थली की ओर मुखातिब होने लगे हैं आज 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद जी की 146 वीं जयंती " लमही महोत्सव के रूप मे मनाई गई।  इस शुभ अवसर पर  हिन्दी साहित्य भारती के धनबाद जिला मार्गदर्शक,सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच के संस्थापक व के . सी. एन. क्लब के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य संजय सिंह ' चंदन ' विशेष रूप से आमंत्रित थे।  श्री चंदन ने स्मारक संस्थान व प्रेमचंद पुस्तकालय के व्यवस्थापक सुरेश चंद्र मिश्र जी को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया साथ ही हिन्दी साहित्य भारती, झारखंड प्रदेश के महामंत्री व वरिष्ठ लोकप्रिय साहित्यकार  राकेश कुमार द्वारा रचित " गोदान काव्य रूपांतरण" पुस्तक की दो पुस्तक प्रति जो मुंशी प्रेमचंद के " गोदान " उपन्यास पर आधारित है उसे प्रेमचंद पुस्तकालय व स्मारक समिति को समर्पित कर महान कलम सम्राट को श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया।  लमही मे मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर बालीबॉल के राष्ट्रीय खिलाडी चंद्र भूषण सिंह को  गोदान और कफन पुस्तक समर्पित कर सम्मानित किया वो नार्दर्न कोल्फिल्ड्स लिमिटेड से सेवा निवृत होकर प्रेमचंद जयंती मे शामिल हुए बहुत अच्छे खिलाड़ी  हैं। के. सी. एन. क्लब के राष्ट्रीय प्रवक्ता , सामाजिक जागरुकता मंच के संस्थापक एवं भोजपुरी सरधा मंच ( राष्ट्रीय) के संस्थापक आचार्य संजय सिंह ' चंदन' स्वयं ही लमही वाराणसी में उपस्थित होकर कार्यक्रम को भव्य बनाने में समर्पित हैं, उन्होंने वाराणसी के लोकप्रिय सांसद व देश के प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल  व उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री   से माँग करते हुए कहा की  विश्व के महान कलमकार,लेखक,स्वाधीनता आंदोलन के अग्रणी दूत , कलम के सिपाही दुनिया के लोकप्रिय सर्व श्रेष्ठ  उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी को  "भारत रत्न " से विभूषित किया जा।  श्री चंदन ने सरकार का आभार व्यक्त किया की प्रेमचंद जी की जन्मस्थली लमही को साहित्य पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने के लिए सरकार के 12 करोड़ रुपये की स्वीकृति से साहित्य मनीषियों को वहाँ तक पहुंचना सुलभ होगा। जबकि प्रेमचंद पुस्तकालय व स्मारक समिति ,लमही ( वाराणसी) के प्रभारी व्यवस्थापक श्री सुरेश चंद्र मिश्र ने 31 जुलाई के कार्यक्रम की सफलता के लिए कड़ी मेहनत की है। आज 31 जुलाई को लमही मे प्रेमचंद जी की स्मृति को ताजा करती कई नाट्य प्रस्तुतियाँ हुई  ,पूरा लमही जन्म स्थल और उपन्यास सम्राट  मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा फूल मालाओं से पाट दी गई थी। 
 
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क