Date: 02/08/2025 Saturday ABOUT US ADVERTISE WITH US Contact Us

सरकार और सरकारी बाबू को शिक्षा से नहीं है कोई खास मतलब, बच्चे जर्जर स्कूल में पढ़ने को है मजबूर 

7/31/2025 7:42:06 PM IST

59
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Vikash 
 
Dumka : शिकारीपाड़ा प्रखंड के  झुनकी पंचायत के भिलाईटांड़ गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का भवन ,यहां वर्ग एक से आठवीं तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, लेकिन स्कूल भवन की जर्जर हालत को देख बच्चे खुले मैदान में बैठकर पढ़ाई करने को विवश हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था इंसान के जीवन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन झारखंड में इस समय की जो हालत है इसको देख कर यह समझ में आता है कि सरकार और सरकारी बाबू को इस व्यवस्था से कोई खास मतलब नहीं है। इसे सरकारी उदासीनता कहें या विभागीय लापरवाही कहें या लाल फ़िताशाही कहें। स्कूल के शिक्षक विनय मरांडी बताते हैं कि जर्जर भवन की शिकायत विभाग के अधिकारी को कई बार किया गया, लेकिन अब तक को फलाफल नहीं निकला इसी वजह से बच्चों को बाहर बैठाया जाता है ताकि खतरा से बचाए रखा जाय। शायद शिक्षा विभाग इस बात का इंतजार कर रहा है कि कोई बड़ा हादसा हो क्योंकि शिक्षा विभाग के कनीय अभियंता दिनेश मरांडी से इस संबंध में फोन कर जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन काट दिया। वहीं शिकारीपाड़ा प्रखंड के बीडीओ का कहना है कि इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है ।
अब सवाल यह है कि दहशत के साए में बच्चे पढ़ें तो कैसे पढ़ें और इससे ज्यादा दहशत शिक्षकों में भी है कि कब क्या हो जाय। वैसे तो सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का क्या पैमाना है यह जगजाहिर है लेकिन जब स्कूल का भवन भी जर्जर हो तो बेहतर शिक्षा और पठन पाठन की परिकल्पना कैसे की जा सकती है। दुमका जिले में शिक्षा विभाग की नींद शायद तब खुलेगी जब कोई हादसा हो जाएगा। इस मामले पर हमने कनीय अभियंता से संपर्क किया तो उन्होंने फोन काट दिया इसके बाद प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुरेन्द्र हेंब्रम से फोन पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि कनीय अभियंता से सभी जर्जर स्कूल भवन की रिपोर्ट मांगी गई है लेकिन उन्होंने अभी तक विभाग को उपलब्ध नहीं कराया है, तो अब इसे विभागीय लापरवाही नहीं तो और क्या कहेंगे ।
 
दुमका से कोयलांचल लाइव के लिए दिलदार अंसारी की रिपोर्ट