Patna : बहुत मेहनत से बिहार के मुख्यंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न पार्टियों के 25 नेताओं की मौजूदगी में इंडिया महागठबंधन की नींव रखी. हो सकता है कांग्रेस उनके परिश्रम पर कहीं पानी न फेर दे. ऐसा इसलिए कि नीतीश कुमार ने गठंबधन के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्दता पर संदेह व्यक्त किया है. नीतीश के संदेह ने गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े किए हैं. नीतीश ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया है कि पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण कांग्रेस महागठबंधन को पूरा समय नहीं दे रही है. उनके इस आरोप से गठबंधन की प्रभावी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.
दूसरी ओर बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर भी सियासी नाटक शुरू है. शिक्षक भर्ती के लिए महागठबंधन दलों के नेताओं में राजनीतिक लाभ के लिए श्रेय लेने की होड़ मची है, जिस कारण गठबंधन के भीतर आपसी प्रतिस्पर्द्धा की भावना पैदा हो गई है. हालांकि नीतीश ने यह कहकर बचाव किया है कि समय से पहले श्रेय लेने से बचना ठीक रहेगा. वहीं बिहार में एक जगह नव नियुक्त शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र बांटे जाते समय पोस्टर पर राजद नेता तेजस्वी यादव की तस्वीर नहीं लगी थी. इसे देखकर वहां के राजद कार्यकर्ता आग बबूला हो गए. तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में रसूखदार माने जाते हैं. पोस्टर में उनकी तस्वीर की अनदेखी से जेडीयू-राजद और कांग्रेस गठबंधन की एकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
कोयलांचल लाइव डेस्क
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