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हिजला मेला महोत्सव को लेकर ग्रामीणों का बड़ा सवाल,छोटे कार्यक्रमों में पहुँचते है जनप्रतिनिधि तो इसमें....
3/1/2025 4:38:20 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
DUMKA : दुमका में लगने वाला राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का उद्घाटन इस बार भी हिजला गांव के ग्राम प्रधान ने किया और करते आ रहे हैँ यह मेला पूरी तरह से सरकार और प्रशासन के नियंत्रण में लगाया जाता है लेकिन लम्बे समय से मेला के उद्घाटन के मौके पर कोई विधायक, सांसद, मंत्री यहाँ नहीं आते हैँ जबकि छोटे छोटे शिलान्यास और उद्घाटन के लिए नेता लोगों में होड़ मची रहती है।
मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रहती है धूम-
इस मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहती है स्थानीय भाषा में नाटक से लेकर नृय संगीत, खेल कूद सभी तरह का आयोजन किया जाता है इस बार 21 फरबरी से 28 फरबरी तक चलने वाला राजकीय जनजातीय हिजला महोत्सव मयूराक्षी नदी किनारे आदिवासी युवती की थिरकती नृत्य और संगीत के बीच शुरुआत और सम्पन्न कराया गया लोगों ने यहां की लोकसंस्कृति और लोकगीत को काफी करीब से महसूस किया। हिजला मेले में इस बार इसकी परंपरा को कायम रखते हुए आधुनिकता के भी समावेश का प्रयास किया गया है। मेला में क़ृषि प्रदर्शनी लोगों को अपनी ओर खूब आकर्षित किया, संथाल परगना प्रमंडल क़ृषि प्रधान इलाका है इसलिए इसे देखने और समझने के लिए दूर दूर से लोग आते है। इसमें खेती बाड़ी से लेकर मुर्गा पालन, मछली पालन, फूल की खेती के आलावा तमाम वो आधुनिक प्रदर्शनी लगाये जाते है।
लोगो के मनोरंजन का रखा गया खास ख्याल-
इस महोत्सव में यहां तमाम सरकारी विभागों के एक्जीबिशनस् लगाये गये तो वहीं लोगों के मनोरंजन का भी खासा ख्याल रखा गया है। आदिवासी संस्कृति की झलक के साथ राजकीय हिजला मेला मे कृषि, सरकार की योजनों के साथ साथ ट्राईवल म्यूजियाम की व्यवस्था की गई समापन घड़ा उतार प्रतियोगिता और नटवा डांस के साथ किया गया किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे स्ंताल परगना के जनजातीय समुदायों से सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से करीब 135 साल पहले शुरु हुई यह मेला मनोरंजन और हाटबाजार के साथ एकता व सद्भाव का भी प्रतीक है और आठ दिनों तक यह अपने पूरे शबाव पर होता है, लेकिन सवाल वही की सब कुछ होने के बावजूद जनप्रतिनिधि आखिर क्यों इससे दुरी बनाते हैँ?
कोयलांचल लाइव के लिए दुमका से विजय तिवारी की रिपोर्ट
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