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मल्टी डिसीप्लिनरी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में वैश्विक चुनौतियों पर हुई कई महत्नपूर्ण चर्चाएं

3/30/2025 3:55:49 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Ara  : IXORA रिसर्च एसोसिएशन झारखंड के संयुक्त तत्वाधान में  मल्टी डिसीप्लिनरी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 29 एवं 30 मार्च 2025 को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत गौतम नगर के त्रिदंडी देव गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज आयोजित की गई। इसमें देश भर के 400 से अधिक विषय विशेषज्ञ एवं रिसर्च स्कॉलर ने शिरकत की। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अकादमिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण अध्याय है। विभिन्न विषय विशेषज्ञ एवं रिसर्च स्कॉलर ने बहुविषयक अनुसंधान के विभिन्न आयाम, चुनौतियों और इसके अवसरों पर व्यापक चर्चा की।
 
इन शिक्षा विदों की रही प्रमुख भागीदारी : 
फार वेस्टर्न यूनिवर्सिटी नेपाल से  डॉ मदन सिंह देऊपा , तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सीनियर असिस्टेंट प्रो डॉ संजय कुमार जायसवाल ,भागलपुर विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट के फैकल्टी मेंबर डॉ पंकज कुमार , तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट फैकेल्टी मेंबर डॉ  मणिकांता, प्रो नीरज वर्मा विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग ,प्रो डी के सिंह विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र के अलावा ऑनलाइन मोड में डॉ पूनम,  डॉ स्मृति , डॉ रश्मि, सिवान कुमार झा, डॉ सारिक हैदर, विश्व ज्योति राय, श्वेता सिंह, प्रिंस कुमार,  कुमारी खुशबू, देवस्मिता, कायनात रिजवी, अनुपम सिंह सहित दर्जनों प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया।
 
 
क्या रही महत्वपूर्ण चर्चा :
 डॉ मदन सिंह देऊपा : आने वाला समय मल्टी डिसीप्लिनरी एप्रोच का होगा भारत की नई शिक्षा नीति में इसे और भी व्यापकता मिलेगी तथा वैश्विक ज्ञान पटल पर भारत अपनी अमिट पहचान बनाएगा।
 प्रो डॉ संजय कुमार जायसवाल : भारतीय ज्ञान परंपरा में बहुविक रिसर्च समय की मांग है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए जिस तरह से पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं वह आने वाले समय के वैश्विक पटल पर ज्ञान परंपरा में भारत की अपनी साख होगी। 
डॉ पंकज कुमार : मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच को वैश्विक जरूरत बताया।
डॉ मणिकांता : आज के अध्ययन का जो अप्रोच है वह मल्टीडिसीप्लिनरी है महाविद्यालय में एवं रिसर्च सेंटर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि वैश्विक जटिलता ने अध्ययन अध्यापन के मापदंड बदल दिए मल्टी डिसीप्लिनरी अप्रोच आज वैश्विक जरूरत है । 
प्रो नीरज वर्मा : वैश्विक उन्नति के लिए बहु विषयक शोध पर जोर देते हुए कहा एक समाज की आवश्यकता विविध है इसलिए शोध के स्वरूप में भी विविधता होनी चाहिए। 
प्रो डी के सिंह : प्रगति के शाश्वत सिद्धांतों पर चर्चा की उन्होंने कहा आज का दौर मल्टीडिसीप्लिनरी समझ विकसित करने की है इसके लिए विभिन्न विषयों के विषय विशेषज्ञ जब एक मंच पर आते हैं और नए निष्कर्ष तक पहुंचते हैं तो समाज की उन्नति अवश्य संभावी 
हो जाती है।
 
 
आरा से कोयलांचल लाइव के लिए आशुतोष पांडेय की रिपोर्ट