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और जांच पड़ताल के बाद भी फिर से वापसी हो गई प्रमंडलीय सचिव पद पर  प्रभात रंजन की
 
विश्वकर्मा सेवा सदन में एक कार्यक्रम में हुई उनका  जोरदार स्वागत 

6/20/2025 1:20:55 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : और अंततः जद्दोजहद के बाद भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी झारखंड के प्रमंडलीय सचिव एक बार फिर से पूर्व पद पर पदस्थापित हो ही गए।  ज्ञात हो कि कुछ महीना पूर्व उन्हें सीबीआई ने रिश्वत मामले केआरोप मे उनके आवास से देर रात गिरफ्तार किया था। हालांकि गिरफ्तारी के वक्त भी उन्होंने अपने सफाई में बार-बार यही कहा था कि उनके खिलाफ लगा आरोप बे बुनियाद है ।लेकिन सीबीआई ने उनकी एक नहीं सुनी परिणाम स्वरूप लंबी पूछताछ के आधार पर लगभग साढे तीन माह जेल में रहने के बाद तथा भारतीय मजदूर संघ संबद्ध भारतीय डाक कर्मचारी संघ के केंद्रीय टीम ने लंबी जांच पड़ताल के बाद उन पर लगे आरोप को बेबुनियाद पाया ।फिर क्या था उन्हें फिर से संबंधित यूनियन में प्रमंडलीय सचिव के रूप में आने की इजाजत मिल गई। हालांकि इस तमाम प्रकरण में संगठन के केंद्रीय नेता अर्थात वर्तमान में दो बार केंद्रीय महासचिव के रूप में पदस्थापित अनंत पॉल की उनके प्रति निकटता ने रंग लाया और उनका प्रयास सफल रहा जांच पड़ताल में उन्हें क्लीन चिट मिल गई और उसके बाद 2 दिन पूर्व धनबाद पुलिस लाइन के समीप स्थित विश्वकर्मा सेवा संघ के कार्यालय में भारतीय मजदूर संघ ने एक कार्यक्रम आयोजित कर उनकी वापसी पर सहमति दे दी गई। लेकिन इस प्रक्रिया के बाद वे
 फिर से संगठन में पूर्व पद पर ही आने की इजाजत हो गई। इसके पश्चात धनबाद जिला स्थित भारतीय मजदूर संघ के कार्यालय अर्थात पुलिस लाइन स्थित विश्वकर्मा सेवा सदन में एक कार्यक्रम आयोजित कर उनकी वापसी कर ली गई। इस संबंध में भारतीय डाक कर्मचारी संघ के केंद्रीय महासचिव अनंत पॉल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दुर्ग स्थित संघ के केंद्रीय कार्य समिति की बैठक में प्रभात रंजन की फिर से वापसी करने पर सहमति बनी । इसके बाद उन्हें फिर से वापस ले लिया गया है उन्होंने बताया मामले में प्रभात रंजन का स्पष्ट जवाब है कि उन पर गलत आरोप बढ़कर सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है। हालंकि इस बारे में सीबीआई ने किसी भी प्रकार की पुष्टि करने से इंकार किया है। वैसे भी ऐसे मामलों  की कार्रवाई सीबीआई कभी कोई पुष्टि नहीं करती।
 
क्या है प्रभात रंजन का पक्ष :
इस बारे में प्रभात रंजन का पक्ष है कि साजिश के तहत उन्हें फसाया गया है और मिन्नतों के बावजूद उन्हें जेल भेज दिया गया इस संबंध में उनके मामले में सीबीआई की कार्रवाई पूरी तरह से पक्षपात पूर्ण है इसके खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी । केंद्रीय संगठन में लंबी जांच प्रक्रिया के बावजूद उनके खिलाफ जब कोई मामला नहीं बना तभी उन्हें संगठन में वापस लेना पड़ा।
 
 
उमेश तिवारी कोलांचल लाइव डेस्क