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झरिया संशोधित मास्टर प्लान के लिए 5940 करोड़ को केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी, धनबाद के लिए हुई बड़ी सौगत 

6/26/2025 3:47:30 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : धनबाद की चीर प्रतीक्षित संशोधित झरिया मास्टर प्लान के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस प्लान का उद्देश्य झरिया कोलफील्ड में आग, भूमि धंसाव और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है।  सीसीईए की बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, योजना के चरणबद्ध कार्यान्वयन से आग तथा धंसाव से निपटने तथा प्रभावित परिवारों को अत्यंत विकट स्थलों से प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित होगा। झारखंड के धनबाद जिले के इस काफी पुराने मुद्दे पर अपनी स्वीकृति मिलने से संबंधित क्षेत्र का उत्थान होगा। दिल्ली में  बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह स्वीकृत पारित प्रस्ताव की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।  जमीन के अंदर कोयले में लगी आग के कारण झरिया शहर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से जल रहा है।  आग प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए वर्ष 2009 में झरिया मास्टर प्लान बना था।  अब 2025 में संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दी गयी है। संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) योजना के तहत पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए स्थायी आजीविका सृजन पर अधिक जोर देता है।  इसके अलावा, लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जाने हैं और पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर पैदा किए जाएंगे।  आधिकारिक बयान में बताया गया है कि 1 लाख रुपए के आजीविका अनुदान और संस्थागत ऋण पाइपलाइन के माध्यम से 3 लाख रुपए तक के ऋण समर्थन तक पहुंच कानूनी शीर्षक धारक परिवारों और गैर-कानूनी शीर्षक धारक परिवारों दोनों को दी जाएगी।  इसके अलावा, पुनर्वास स्थलों पर इंफ्रास्ट्रक्चर और आवश्यक सुविधाएं- जैसे सड़क, बिजली, पानी की सप्लाई, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक हॉल और अन्य सामान्य सुविधाएं- विकसित की जाएंगी। जमीन के अंदर कोयले में लगी आग के कारण झरिया शहर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से जल रहा है. राष्ट्रीयकरण के वक्त झरिया कोयलांचल के करीब 17.32 स्क्वायर किलोमीटर में आग का दायरा फैला हुआ था, लेकिन यह करीब 1.53 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में सिमट चुका है. नेशनल रिमोट सेंटर (एनआरएससी) की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। 
 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क