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 झारखंड के पूर्व मंत्री ददई दुबे के निधन की खबर से पूरा कोयलांचल हुआ मर्माहत 

7/11/2025 11:27:41 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By Sanjana Singh
Ranchi : झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का गुरुवार शाम दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया. वे 87 वर्ष के थे  ददई दुबे का जन्म 2 जनवरी 1946 को गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड के चोका गांव में हुआ था. उन्होंने 1973–85 तक बलियारी पंचायत मुखिया के रूप में कार्य किया और 1980 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावीय दुनिया में कदम रखा, हालांकि पहली बार वे हार गए. 1985 में कांग्रेस के टिकट पर विश्रामपुर से विधायक चुने गए, जिसके बाद वे 1990, 2000 और 2009 में भी इसी क्षेत्र से विधानसभा सदस्य बने.
कैबिनेट मंत्री और सांसद
2000 में उन्होंने एकीकृत बिहार में श्रम एवं रोजगार मंत्री के रूप में मंत्री पद संभाला. झारखंड राज्य के गठन के बाद भी वे श्रम, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं रोजगार विभागों में मंत्री रहे. 2004 में उन्होंने धनबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनकर कोयला एवं स्टील संसदीय समिति में सक्रिय भूमिका निभाई.
मजदूर-नेता और विवादास्पद क्षण
ददई दुबे इंटक  के वरिष्ठ नेता भी थे, जिन्होंने कोयला मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की. उन्होंने वेंकट कोलियरी में करीब 315 मजदूरों को रोजगार दिलवाया और कभी भी विकास निधियों में कमीशन नहीं लिया. हालांकि उनका करियर विवादों से भी अछूता नहीं रहा. वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें कैबिनेट से बाहर किया गया . साथ ही 2022 में उनके और उनके पुत्रों पर मारपीट का आरोप लगा लेकिन उन्हें बरी कर दिया गया.
शोक संदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर दुबे को “झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति” बताया और कहा, “ददई दुबे जी लोगों के हक-हित के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे”. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों ने उन्हें पार्टी का मजबूत स्तंभ बताया, जिन्होंने मजदूरों और आम जनता के लिए अपना जीवन समर्पित किया.
ददई दुबे की राजनीति सरल बाल मजदूरों से लेकर राज्य एवं केंद्र सरकार तक फैली रही. उन्होंने कुल पांच बार विधायक और एक बार सांसद के रूप में झारखंड की सेवा की. उनके निधन से राज्य की राजनीति और मजदूर वर्ग दोनों को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली कांग्रेस कार्यालय से उनके पार्थिव शरीर को झारखंड लाया जाएगा और गढ़वा में श्रद्धांजलि कार्यक्रम के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
 
कोयलांचल लाइव डेस्क