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रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का इस साल भारत यात्रा, यात्रा से पहले ही भारत को ऑफर

7/22/2025 5:31:28 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Vikash 
 
Delhi : भारत और रूस का सम्बन्ध अन्य देशो के मुकाबले बहुत गहरा है। भारत को रूस से डिफेन्स सिस्टमो में बहुत मदद मिलती है। रूस भी एक सच्चे मित्र की तरह हमेशा भारत की मदद करता आया है। एक बार फिर रूस भारत के डिफेन्स सिस्टम को और मजबूत करने के लिए अपनी टेक्नोलॉजी भारत के साथ साझा करने जा रहा है। विगत कुछ सालो से रूस - यूक्रने युद्ध पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। 
इसी बीच युद्ध को दरकिनार कर रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन इस साल भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार हो रही इस यात्रा से पहले रूस ने भारत को सुखोई-57 स्‍टील्‍थ फाइटर जेट को भारत में बनाने का प्रस्‍ताव दिया है। इस बीच अब यह भी खुलासा हुआ है कि रूस भारत में अपने आधुनिक टैंक टी-14 अर्माटा को बनाने के लिए तैयार है। इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंक में शामिल किया जाता है। इस टैंक को बनाने वाली रूसी कंपनी भारतीय कंपनी के साथ ज्‍वाइंट वेंचर के तहत टी-14 टैंक को बनाना चाहती है। भारतीय सेना को अगली पीढ़ी के टैंक की सख्‍त जरूरत है। भारत दशकों से रूस से टैंक लेता रहा है, फिर चाहे वह टी-72 हो या फिर आधुनिक टी-90 टैंक।
इस टैंक में पूरी तरह से डिजिटल सिस्‍टम लगा हुआ है, और इसके बुर्ज या टुरेट में किसी भी सैनिक के बैठने की जरूरत नहीं होती है। इसे एआई तकनीक से भी लैस क‍िया गया है। इसको चलाने वाले सैनिक चारों ओर से घिरे आर्मर्ड कैप्‍सूल के अंदर सुरक्षित होते हैं। भारत के वर्तमान टैंक टी-72 और टी-90 अब काफी पुराने होते जा रहे हैं और आधुनिक पीढ़ी के टैंक की सख्‍त जरूरत है। वह भी तब जब चीन और पाकिस्‍तान भी लगातार अपनी टैंक ताकत को बढ़ा रहे हैं। अन्य देश भी अपना टैंक भारत को बेचना चाह रहे है जिसमे फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी, इटली जैसे देश शामिल है। यह अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं है कि क्‍या भारत पुतिन के इस ऑफर को मानेंगा या नहीं। इसके पीछे एक बड़ी वजह पश्चिमी देशों का रूस के खिलाफ लगाया गया प्रतिबंध है। वहीं पश्चिमी देश भारत और रूस की दोस्‍ती को लेकर लगातार धमका रहे हैं। ट्रंप तो रूस तेल लेने पर भारत के खिलाफ 125 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दे रहे हैं। देखना होगा की क्या यह भारत के लिए कूटनीतिक समस्या लेकर आएगा ? 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क