Date: 15/10/2025 Wednesday
ABOUT US
ADVERTISE WITH US
Contact Us
Koylanchal Live
बड़ी खबरें
देश प्रदेश
राज्य
MUMBAI
महाराष्ट्र
राजस्थान
गुजरात
उत्तराखंड
पश्चिम बंगाल
तमिलनाडु
ओडिशा
पंजाब
झारखण्ड
उत्तर प्रदेश
जम्मू कश्मीर
दिल्ली
आंध्र प्रदेश
बिहार
छत्तीसगढ़
MADHYA PRADESH
राजधानी
रांची
पटना
लखनऊ
राजनीति
अपराध जगत
स्पोर्ट्स
वर्ल्ड न्यूज़
बिज़नेस
इंटरटेनमेंट
कोयलांचल लाइव TV
फोटो गैलरी
चंद्रग्रहण से होगी पितृपक्ष शुरु और अंत होगी आंशिक सूर्यग्रहण से
9/5/2025 5:01:21 PM IST
113
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Bhopal :
हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल रविवार, 07 सितम्बर को पितृपक्ष के आरंभ की पूर्णिमा पर पूर्ण चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसे भारत में देखा जा सकेगा। इस पूर्ण चंद्रग्रहण के बाद 21 सितम्बर को पितृमोक्ष अमावस्या पर आंशिक सूर्यग्रहण की घटना होगी, लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इस तर वैश्विक स्तर पर इस साल पितृपक्ष के आरंभ और अंत दोनों तिथियों पर ग्रहण की घटना होगी। यह जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान दी।
घारु ने बताया कि पितृपक्ष में दो ग्रहण पड़ने के संबंध में सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है कि 122 सालों बाद पितृपक्ष की शुरुआत और अंत ग्रहण की घटनाएं से होने जा रही हैं। इसके लिये 122 साल पहले सन 1903 में हुए दो ग्रहणों का उदाहरण दिया जा रहा है कि तब ये ग्रहण पितृपक्ष के आंरभ और अंत मे थे, जबकि वास्तविकता यह है कि सन 1903 में 21 सितम्बर को पितृमोक्ष अमावस्या को तो पूर्ण सूर्यग्रहण था और इसके 15 दिन बाद 06 अक्टूबर 1903 को आंशिक चंद्रग्रहण हुआ था, लेकिन 06 अक्टूबर को तो शरद पूर्णिमा थी और पितृपक्ष समाप्त हुए 15 दिन बीत चुके थे। इस तरह 122 साल पहले हुई घटना के गलत तथ्य प्रस्तुत कर आज की स्थिति में वैज्ञानिक तथ्यों पर ग्रहण लगाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पितृपक्ष का आंरभ और समापन पर ग्रहण की घटना कोई दुर्लभ नहीं है। इसके पहले भी इस प्रकार की घटना वर्ष 2006 में हुई थी, जबकि पितृपक्ष के आरंभ में 07 सितंबर 2006 भाद्रपद पूर्णिमा पर आंशिक चंद्रग्रहण था, जो कि भारत में दिखा भी था। इसके 15 दिन बाद पिृतमोक्ष अमावस्या 22 सितम्बर 2006 को वलयाकार सूर्यग्रहण था, जो कि भारत में नहीं दिखा।उन्होंने बताया कि इसके पहले 1978 में भी यह हो चुका है। तब पितृपक्ष का आरंभ 16 सितम्बर 1978 को पूर्ण चंद्रग्रहण से होकर 02 अक्टूबर 1978 को आंशिक सूर्यग्रहण के साथ समापन हुआ था। इसके पहले भी अनेक बार यह संयोग आता रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि तथ्यों की बिना पड़ताल करे किसी समाचार को मसालेदार बनाना वैज्ञानिक तथ्यों को ग्रहण लगाने के समान है। अपने पूर्वजों की स्मृति के इस पखवाड़े को पूर्ण श्रृद्धा और वैज्ञानिक जानकारी के साथ मनाएं।
कोयलांचल लाइव डेस्क
Disclaimer:
Tags:
0 comments. Be the first to comment.
सम्बंधित खबरें
#
कृषक मित्रों की बैठक में बिभिन्न पहलुओं पर आंतरिक रूप से चर्चा
#
देशभक्ति के माहौल में खादी महोत्सव पर निकली भव्य खादी यात्रा
#
एसबीयू में फ्रेशर्स डे की धूम, विद्यार्थियों ने जमकर की मस्ती
#
15 को बीआईटी मेसरा में 35 वें दीक्षांत समारोह , इसरो अध्यक्ष डॉ वी.नारायणन होंगे मुख्य अतिथि
#
जोहानसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के विमान क्रैश में पीयूष पुष्प की मौत
ट्रेंडिंग न्यूज़
#
भतीजे ने चाचा को पेट में मार चाकू, इलाज के लिए तुरंत रेफर किया गया
#
बांग्लादेश में बच्चियों के लिए दर्दनाक गुजर रहा 2025,यौन शोषण के मामले 75 प्रतिशत बढ़े
#
यातायात नियमों के प्रति जागरूकता पर विशेष सड़क सुरक्षा अभियान शुरू, मिल रही है वाहनों से जमकर जुर्मना
#
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने जमशेदपुर पहुंचे, भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
#
भारत बनाम साउथ कोरिया, आज हॉकी एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला