Date: 15/10/2025 Wednesday
ABOUT US
ADVERTISE WITH US
Contact Us
Koylanchal Live
बड़ी खबरें
देश प्रदेश
राज्य
MUMBAI
महाराष्ट्र
राजस्थान
गुजरात
उत्तराखंड
पश्चिम बंगाल
तमिलनाडु
ओडिशा
पंजाब
झारखण्ड
उत्तर प्रदेश
जम्मू कश्मीर
दिल्ली
आंध्र प्रदेश
बिहार
छत्तीसगढ़
MADHYA PRADESH
राजधानी
रांची
पटना
लखनऊ
राजनीति
अपराध जगत
स्पोर्ट्स
वर्ल्ड न्यूज़
बिज़नेस
इंटरटेनमेंट
कोयलांचल लाइव TV
फोटो गैलरी
किसके सिर चढ़ेगा सरकार की ताज, सीट बंटवारे पर मौन क्यों ?
बिहार विधानसभा चुनाव में वोट कटवा की होगी इस बार महत्वपूर्ण भूमिका
10/7/2025 3:47:05 PM IST
51
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Patna :
बिहार विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका मुख्य रूप से दो राजनीतिक दल गठबंधन का है वह है "एनडीए" तथा" इंडिया" गठबंधन । चुनाव आयोग ने तिथि की घोषणा कर दी लेकिन ये दोनों गठबंधन सीट बंटवारे के मुद्दे पर अब तक टकटकी लगाए हैं। इसकी एक की मुख्य वजह सामने दिखाई पड़ती है कि दोनों को डर है की सीट बंटवारे की घोषणा पर असंतोष को लेकर घटक दल कहीं विरोध में बागी न बन जायें। बरना गठबंधन को चलाना मुश्किल हो जाएगा। जदयू से टूट कर बने प्रशांत किशोर इस बार सबसे बड़ा "वोट कटवा" की भूमिका की भूमिका में है। और इनका चुनाव परिणाम किसको लाभ और किसको क्षति पहुंचाएगा यह अब तक असमंजस में है। इस बार विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण बात यह भी सामने आ रही है कि जितना दिलेरी के साथ "इंडिया" गठबंधन के मुख्य दल राष्ट्रीय जनता दल अर्थात (राजद )ने पिछले चुनाव में सीट लिया था इस बार स्थिति भिन्न हो सकती है। क्योंकि ओवैसी इस बार उनकी खेल बिगाड़ने के लिए कमर कस चुकें हैं। अर्थात उनका उद्देश्य है राजद का मुख्य समीकरण एम वाई अर्थात मुस्लिम यादव को हर हाल में फेल कर देना । और यह अगर फेल हुआ तो राष्ट्रीय जनता दल को इस बार करारी मात मिलेगी। अर्थात जितना नुकसान प्रशांत किशोर जदयू को पहुंचाएंगे उससे तनिक भी कम नहीं ओवैसी तेजस्वी यादव को पहुंचा देंगे। यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है इस बार चुनाव मैदान में बागी घटक दल खेल को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाएंगे । जिसका भय जदयू और राजद दोनों को हीं है। अर्थात इस बार सीट का अंतर केवल जदयू और राजद के बीच महत्वपूर्ण हीं नही बल्कि सरकार बनाने और बिगाड़ने वाली होगी। एक मुख्य घटक दल लोजपा (रामविलास) भी है जिसे इस चुनाव में एक मुख्य गेम प्ले करना है ।वह गेम नीतीश और तेजस्वी दोनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जहां तक भाजपा की बात है तो भाजपा के स्ट्राइक रेट इस बार और भी भाग सकता है क्योंकि उसकी चाल जातिगत से हटकर विकास मद से होती है और आगे भी होती रहेगी। बीजेपी कभी भी चेहरे की राजनीति नहीं करती । आज सम्राट चौधरी है तो हो सकता है कि कल कोई और चौधरी मुखिया बनकर भाजपा को हाथ थाम ले। अर्थात बिहार ही नहीं किसी भी चुनाव में भाजपा के मतदाता ऐसे होते हैं जो किसी और के पक्ष में मतदान नहीं कर सकते वह हमेशा ही भाजपा को ही करेंगे। इसलिए इस चुनाव में भाजपा की उछल कूद अन्य की तुलना में स्थिर है। अर्थात भाजपा के मतदाता साइलेंट है उनकी मौन चुप्पी का राज परिणाम में ही दिखाई पड़ेगा। ऐसे में समीक्षात्मक स्थिति में इस बार बिहार में सरकार का दाव सहज समझने लायक नहीं। देर से ही सही गठबंधन को जल्द ही सीट बंटवारे का राज खोलने होंगे तभी वह चुनावी समर में अभियान चला पाएंगें ।
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क
Disclaimer:
Tags:
0 comments. Be the first to comment.
सम्बंधित खबरें
#
प्रणव यादव का टिकट काटकर पुराने और समर्पित कार्यकर्ता कुमार प्रणय पर भरोसा जताया
#
आरा से भाकपा माले नेता कयामुद्दीन अंसारी ने किया नामांकन दाखिल
#
सकलदेव बिंद ने तारापुर विस से कराया VIP पार्टी से नामांकन
#
त्रिविक्रम नारायण सिंह औरंगाबाद सदर सीट से भाजपा उम्मीदवार
#
अन्तः भाजपा ने बिहार विधान सभा चुनाव के लिए जारी कर दी अपनी प्रत्याशियों के नाम की सूचि
ट्रेंडिंग न्यूज़
#
भतीजे ने चाचा को पेट में मार चाकू, इलाज के लिए तुरंत रेफर किया गया
#
बांग्लादेश में बच्चियों के लिए दर्दनाक गुजर रहा 2025,यौन शोषण के मामले 75 प्रतिशत बढ़े
#
यातायात नियमों के प्रति जागरूकता पर विशेष सड़क सुरक्षा अभियान शुरू, मिल रही है वाहनों से जमकर जुर्मना
#
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने जमशेदपुर पहुंचे, भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
#
भारत बनाम साउथ कोरिया, आज हॉकी एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला