Date: 09/05/2025 Friday ABOUT US ADVERTISE WITH US Contact Us

किसानों ने भरी हुंकार, दिल्ली चलो का दिया नारा, धारा-144 लागू 

13-02-2024 13:36:19 IST

7372
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team

Delhi : किसान संयुक्त मोर्चा ने किसानों से 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने का आह्वान किया है. इसका वजह ये है कि सोमवार 12 फरवरी को किसानों और केंद्र सरकार के बीच चंडीगढ़ में आधी रात तक चली वार्ता बेनतीजा रहा. इसके बाद पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच करने का आह्वान किया. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने हमें किसी मांग पर ठोस आश्वासन नहीं दिया. जिन मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने का आह्वान किया गया है, उनमें से कई पर पिछली बार की वार्ता में भी सरकार ने सहमति जताई थी, लेकिन फैसला नहीं लिया. बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा मौजूद थे.

वहीं किसानों को दिल्ली कूच करते देख दिल्ली और हरियाणा में धारा-144 लागू कर दी गई है. दिल्ली की तीन प्रमुख बॉर्डर सिंधु, टिकरी और गाजीपुर को बैरिकेड किया गया है. इन तीनों सीमाओं पर लोहे और कंक्रीट के बैरिडेड लगाए गए हैं. इतना ही नहीं दिल्ली के दो मेट्रो स्टेशनों के गेट भी बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही दिल्ली और नोएडा के सीमा क्षेत्र के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है.

बताया जा रहा है कि पंजाब से किसानों का जत्था ट्रैक्टर और टोलियों से दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है. दिल्ली और हरियाणा में सुरक्षा एजेंसिया और पुलिस हाई अलर्ट पर हैं. पंजाब से लगती हरियाणा का सीमावर्ती क्षेत्र अंबाला, जींद, कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद में लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी की गई है. हरियाणा सरकार ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टुकरियां तैनात की है. 15 जिलों में धारा-144 लागू है. मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

ये पहली बार नहीं है जब किसान दिल्ली की ओर कूच किए हैं. दो साल पूर्व भी देश भर के किसानों ने दिल्ली में करीब एक साल तक ऐतिहासिक आंदोलन किए थे. किसानों का दावा है कि आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की मौत हुई थी. आंदोलन की गर्माहट को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के आगे घुटने टेक दिए और संसद में पारित तीन कृषि कानून रद्द कर दिए. किसानों को ये डर था कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर सकता है तथा खेती और किसानी को कॉरपोरेट के हाथों सौंपें जा सकते हैं. केंद्र सरकार ने किसानों से वार्ता कर कृषि कानूनों को रद्द करने समेत एमएसपी पर गारंटी देने का वादा किया. इसके बाद किसानों ने आंदोलन वापस ले लिए. अब किसानों का कहना है कि सरकार एमएसपी पर किए वादे से मुकर रही है. इसीलिए बाध्य होकर किसानों को दिल्ली कूच करने का आह्वान किया गया.

कोयलांचल लाइव डेस्क