Date: 09/05/2025 Friday
ABOUT US
ADVERTISE WITH US
Contact Us
Koylanchal Live
बड़ी खबरें
देश प्रदेश
राज्य
MUMBAI
महाराष्ट्र
पश्चिम बंगाल
तमिलनाडु
उत्तर प्रदेश
पंजाब
odisa
झारखण्ड
जम्मू कश्मीर
दिल्ली
बिहार
छत्तीसगढ़
MADHYA PRADESH
राजधानी
रांची
पटना
राजनीति
अपराध जगत
स्पोर्ट्स
वर्ल्ड न्यूज़
बिज़नेस
इंटरटेनमेंट
कोयलांचल लाइव TV
फोटो गैलरी
क्या फिर टूटने की कगार पर बिहार,पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाई मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग ?
11/27/2024 11:12:07 AM IST
7375
कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Patna :
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजद ने बिहार से अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर एक नया पैतरा आजमाया है। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आज सदन में बिहार को तोड़कर अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को उठाया है। वही मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर राबड़ी देवी ने सदन में कहा कि वह लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दे रहे थे कि मैथिली भाषा शामिल हुआ है। ठीक है,हम भी खुश हैं,यह शामिल होना भी चाहिए,लेकिन इसके साथ मिथिला राज्य भी बनाना चाहिए। आपको बता दें कि मिथिला क्षेत्र उत्तर बिहार का इलाका है,जहां मैथिली भाषा बोली जाती है। साथ ही यहां के लोग लंबे समय से मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। और ऐसी मांग पहली बार नहीं उठी है,अगर इतिहास को खंगाला जाए तो मिथिला राज्य बनाने की मांग पहली बार वर्ष 1912 में की गई थी। इसके बाद दोबारा 1921 में महाराजा रामेश्वर सिंह के द्वारा मांग की गई,लेकिन पहली बार मिथिला राज्य बनाने के लिए आंदोलन वर्ष 1952 में हुआ था। जिसके बाद यह मामला बार-बार तूल पकड़ता रहा है। जबकि करीब दो वर्ष पूर्व मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी इस मांग को लेकर आंदोलन किया गया था। यह पहली बार था जब मिथिलांचल राज्य के आंदोलन में दिल्ली में इतना बड़ा आंदोलन हुआ हो। साथ ही इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा भी शामिल हुए थे। अगर मैथिली भाषी लोगों की संख्याबल की बात की जाय तो 7 करोड़ से अधिक लोगों का अस्तित्व इससे जुड़ा हुआ है। मैथली भाषा भी संविधान के अष्टम अनुसूची में दर्ज है। वहीं इस मामले पर मिथिलांचल वासियों का कहना है कि कोई भी सरकार की ओर से योजना-परियोजना आती है तो उसको मगध में दे दिया जाता है। साथ ही मिथिलांचल में जो विकास के कार्य होने चाहिए,वह भी नहीं हो रहा है। मिथिलांचल पहले जैसा था,अब भी वैसा ही है,जबकि बाकी दुनिया हमसे कही आगे चल रही है।
कोयलांचल लाइव डेस्क
Disclaimer:
Tags:
0 comments. Be the first to comment.
सम्बंधित खबरें
#
सरकारी आईटीआई गोविंदपुर में दो दिन हुए कैंपस में 84 हुए शॉर्टलिस्ट
#
पाकिस्तान हमले को लेकर राज्य में हाइअलर्ट सहित प्रशासन हुई रेस
#
एयर स्ट्राइक को लेकर रेलवे स्टेशन ,बस स्टॉप एवं हवाई अड्डा में चली सघन जांच अभियान
#
ऑपरेशन सिंदूर नाम रखकर प्रधानमंत्री ने महिलाओं का बढ़ाया गौरव व सम्मान
#
सदर अस्पताल का जिलाधिकारी ने की औचक निरीक्षण ,पकड़ी कई खामियां
ट्रेंडिंग न्यूज़
#
खुसी में पड़ी खलल : शादी के जश्न के दौरान हर्ष आया शौख से चली गोली के चपेटे में पहुंचा अस्पताल
#
टाटा स्टील लोगों को देगी बिजली,कम से कम आएगा बिजली का बिल
#
महाकुंभ के समापन के बाद पहली बार आरा जंक्शन पहुंचे दानापुर डीआरएम ,प्लेटफार्म से लेकर रेलवे ट्रैक के कार्यो का लिया जायजा
#
भोजपुरी क्षेत्र का सामाजिक इतिहास दर्ज है "फेर ना भेंटाई ऊ पचरुखिया में " भोजपुरी विभाग के डॉ रंजन विकास के संस्मरण पर पुस्तक हुई परिचर्चा
#
लापता पिता को ग्रामीणों ने चोर समझ की पिटाई ,पुलिस जब पहुंची तो मामला कुछ इस तरह निकला.....