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ट्यूशन पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों की जाएगी नौकरी, ACS एस सिद्धार्थ दिखे  एक्शन में ...

5/25/2025 1:12:52 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Patna : बिहार में बीपीएससी शिक्षकों की बहाली के बाद बिहार शिक्षा विभाग सख्त हो गया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ काफी सक्रिय दिख रहे हैं. उन्होंने सरकारी शिक्षकों के लिए गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी. उनकी नौकरी भी जा सकती है.
"सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ट्यूशन प्रतिबंधित है. यदि ट्यूशन पढ़ाने की शिकायत मिलती है तो उन पर कार्रवाई होगी और उनकी नौकरी तक जा सकती है." -एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
बायोमेट्रिक की व्यवस्था : अपर मुख्य सचिव ने यह बातें हर शनिवार शिक्षा की बात कार्यक्रम के तहत एक पॉडकास्ट में कही. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के अटेंडेंस दुरुस्त करने के लिए गर्मी छुट्टी के बाद बायोमेट्रिक की व्यवस्था की जाएगी. इसको लेकर प्रक्रिया तेज कर दी गयी है. यह व्यवस्था सरकारी प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों में लागू होगी. शिक्षकों की गैर-मौजूदगी पर भी नजर रखी जाएगी.
प्राइवेट टीचर पढ़ेंगे बच्चे : उन्होंने कहा कि स्कूल अवधि के दौरान छात्र भी ट्यूशन नहीं जा सकते लेकिन स्कूल समय के बाद प्राइवेट टीचर से पढ़ने की छूट रहेगी. यह कदम शिक्षकों की पेशेवर निष्ठा और कक्षा में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाया गया है.
प्री-स्कूल संचालन की तैयारी : राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अब प्री-स्कूल कक्षाएं संचालित की जाएंगी. इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में 40 बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. जबकि शेष बच्चों को प्री-स्कूल में दाखिला मिलेगा. यह योजना बचपन से ही बच्चों के शैक्षिक आधार को मजबूत करने के लिए बनाई गई है. डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि इससे स्कूलों में नामांकन और शिक्षा के स्तर में सुधार होगा.
समय पर पाठ्यपुस्तक वितरण का वादा : सरकार ने अगले शैक्षणिक सत्र से पहले ही सभी छात्रों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार पुस्तकों की छपाई प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अगले साल के लिए काम शुरू कर दिया गया है. नए सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही किताबें स्कूलों तक पहुंच जाएंगी. उन्होंने आश्वासन दिया. इससे पहले होने वाली देरी और अभिभावकों की शिकायतों को दूर करने का प्रयास है.
लाइब्रेरियन नियुक्ति : डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पुस्तकालयों को सक्रिय बनाने के लिए लाइब्रेरियन के रिक्त पदों को भरने की तैयारी चल रही है. शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से रिक्तियों की संख्या और आवश्यकताओं का ब्योरा मांगा है. इससे छात्रों को पुस्तकालयों के माध्यम से अतिरिक्त ज्ञान और पठन संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा.
समर कैंप से बच्चों का सर्वांगीण विकास : डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि अगले साल गर्मी की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए डांस, खेल और कला आधारित समर कैंप आयोजित किए जाएंगे. इसका उद्देश्य बच्चों की रचनात्मक क्षमता और शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करना है. डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि यह पहल शिक्षा को रोचक बनाने और बच्चों के समग्र विकास में मदद करेगी. गौरतलब है कि बिहार सरकार की ये योजनाएं शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में अहम कदम हैं.
 
कोयलांचल लाइव डेस्क