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उत्तरकाशी में खीर गंगा का कहर, इतिहास दोहराया,धराली में फिर मची तबाही

8/6/2025 11:26:33 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By -Saba Afrin 
 
Dharali Kheer Ganga Story: उत्तरकाशी में भागीरथी नदी की सहायक नदी खीर गंगा का इतिहास कुछ ऐसा रहा है कि यहां पहले भी बाढ़ से काफी तबाही मच चुकी है. 19वीं सदी में आई बाढ़ में 240 मंदिर मलबे में दब गए थे. यही नहीं, इसके बाद साल 2013 और 2018 में भी इसी तरह से बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. अब यह चौथी बार है जब खीर गंगा का रौद्रा रूप देखने को मिला है। 
जानकारी के मुताबिक, खीर गंगा श्रीकंठ पर्वत शिखर से निकलती है. दरअसल, गोमुख से निकलने वाली गंगा (भागीरथी) नदी में कई छोटी-बड़ी सहायक नदियां मिलती हैं. धराली के पास भागीरथी नदी में खीर गंगा आकर मिलती है. यह दिखने में तो शांत सी है. मगर इसका इतिहास काफी रोंगटे खड़े कर देने वाला है। 
कहा जाता है कि कभी धराली में 240 मंदिरों का समूह हुआ करता था. ये मंदिर कत्यूरी शैली में बने हुए थे. इन मंदिरों का उल्लेख वर्ष 1816 में गंगा भागीरथी के उद्गम की खोज में निकले अंग्रेज यात्री जेम्स विलियम फ्रेजर ने भी अपने यात्रा वृत्तांत में किया है. 19वीं सदी की शुरुआत में खीरगंगा नदी में आई भीषण बाढ़ के कारण ये मंदिर मलबे में दब गए और हमेशा के लिए मिट्टी में समा गए. इस बाढ़ ने पूरे क्षेत्र को तबाह कर दिया था। 
इसके बाद वर्ष 2013 में जब भागीरथी नदी में विनाशकारी बाढ़ आई, तब भी खीरगंगा नदी में बाढ़ आई थी. फिर साल 2018 के अगस्त महीने में रात करीब दस बजे खीर गंगा में उफान के साथ भारी मलबा आया था. इससे गंगोत्री हाईवे पर बनी पुलिया चोक होने के बाद ऊपरी हिस्से में मलबे का जमाव बढ़ता चला गया. नदी के पानी के साथ आया मलबा यहां बाढ़ सुरक्षा दीवार को फांद कर 50 से अधिक होटल एवं घरों में जा घुसा था. प्राचीन कल्प केदार मंदिर का आधा हिस्सा मलबे में दब गया. साथ ही आपदा में नदी से लगे सेब के बागीचों को भारी नुकसान पहुंचा था। 
 
फिर बरसाया खीर गंगा ने कहर
अब एक बार फिर से धराली गांव में खीर गंगा नदी कहर बनकर आई. इसकी चपेट में आने से 5 लोगों की मौत हो गई. 100 लोग अभी भी लापता हैं. हालांकि, 130 लोगों को रेस्क्यू टीमों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है. अभी भी सेना, ITBP, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल विभाग के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर हर्षिल के धराली गांव में रहने वाले लोगों को बचाने में जुटे हैं। 
 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क