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बाढ़ की प्रभाव में जल कैदी बने ग्रामीण  थाना परिसर की पानी भी झेल कर करा रहें हैं अपनी फरियाद दर्ज  
 

8/10/2025 4:18:50 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edit  BY  Umesh Tiwary  
 
Munger  : बाढ़ ने मुंगेर सबको तबाह  कर दी है यहां थाना से लेकर  स्वास्थ केंद्र, प्रखंड कार्यालय और विद्यालय कुछ भी बाढ़ के प्रभाव से अछूता नहीं है। मुंगेर के बरियारपुर प्रखंड जिसके कुल 11 पंचायत है और सभी 11 पंचायत पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित हो गया है। इन 11 पंचायतों के लाखों लोग बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे है। प्रखंड के विद्यालय , थाना , स्वास्थ केंद्र , प्रखंड और अंचल कार्यालय , सभी जगहों पे बाढ़ का कहर देखने को मिल रही  है। प्रखंड कार्यालय में पानी आ जाने से सारे सरकारी कार्य बाधित हो रहे है तो , स्वास्थ्य केंद्रों में पानी से ग्रामीणों को स्वास्थ सेवा नहीं मिल पा रहा है। हालांकि थाना परिसर में पानी तो आ गया पर थाना भवन में पानी नहीं घुसा है । पर फरियादियों को पानी में घुस अपनी फरियाद दर्ज करवाना पड़ रहा है। गांवों के गलियों सड़क और घरों में पानी घुस जाने के कारण ग्रामीण जल कैदी बन कर रह गए हैं, लोग जुगाड टेक्नोलॉजी से गांव से मुख्य सड़क पर आ रहे है। हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा कई राहत पहुंचाने के कार्य किया जा रहा है । पर बाढ़ की जो स्थिति बनी है वो इस राहत के सामने कुछ भी नहीं है। दियारा और गंगा तट पे अवस्थित सैकड़ों गांवों और दर्जनों पंचायतों में बाढ़ का पानी लगभग 5 से 6 फीट तक है। वहां के लोग ऊंचे स्थान और सरकारी शिविरों में अपना आशियाना बनाए हुए है। अब बाढ़ का रौद्र रूप शहरी इलाकों में देखने को मिलने लगा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार निगम क्षेत्र के शिवनगर वार्ड 41, मोकबीरा (करबला) वार्ड 41, बेलवाघाट वार्ड 41 ,चन्दनबाग नयाटोला वार्ड 41 ,लल्लू पोखर वार्ड 31, हेरुदियारा वार्ड 43 ,भूदान चूहा बाग वार्ड 40 ,गदहियां टोला गैस गोदाम वार्ड 42, लाल दरवाजा , गंगा नगर इन सभी निगम क्षेत्रों में बाढ़ का पानी ने अपना घर बना लिया है। आंकड़ों की बात करें तो अभी गंगा का जल स्तर डेंजर लेवल 39.33 मीटर से 48 सेंटीमीटर ऊपर है। जिस कारण बाढ़ से मुंगेर शहर अब कराह रहा है। शहर वासियों ने बताया कि पानी आ जाने से उनका जीना मुहाल हो गया है। लोगों का घर से निकलना तक दूभर है। गांव के गांव खाली हो ऊंचे स्थानों और सरकारी शिविरों में अपना आशियाना बनाए हुए है । इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत महिला, बच्चो और बुजुर्गों को हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा राहत पहुंचाया जा रहा है। जिस तरह बाढ की स्थिति बनी हुई है यह राहत भी कम पड़ रहा है।  जिला प्रशासन के द्वारा शिविर , सामुदायिक किचन , पन्नी तक का व्यवस्था तो किया गया है, पर समस्या का समाधान इतने से नहीं होने वाला है। वहीं बाढ़ के मद्देनजर जिलाधिकारी भी स्वयं बाढ़ पीड़ित स्थलों का दौरा कर वहां की हालत के मद्देनजर अधिकारियों को कई निर्देश दे बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारियों को आश्रय स्थल पर विस्थापित लोगों के लिए साफ-सफाई, विद्युत आपूर्ति, शौचालय, पेयजल, मेडिकल टीम आदि की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित विस्थापित लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी चिंतित न हों, जिला प्रशासन आपके साथ है।प्रशासन की ओर से सभी समुचित व्यवस्थाएं की जा रही है। मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में पशुचारा की उपलब्धता है। अब तक कुल 14 सामुदायिक रसोई संचालित की जा रही है, जिसके माध्यम से बाढ़ प्रभावित विस्थापित लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं इस मामले में मुंगेर जिलाधिकारी निखिल धनराज ने बताया कि अब गंगा का जल स्तर ऊपर से डाउन होने लगा है एक से दो दिनों में यहां भी पानी कम हो जाएगा।  तब तक किसी को परेशानी न हो इसके लिए सामुदायिक किचन , शिवर , पशु चार , पन्नी दवाइयों और नाव की व्यवस्था कर दी गई हैं। पर सुखद बात यह है कि गंगा का पानी पिछले 6 घंटों से स्थिर है । और अब पानी के कम होने की प्रबल संभावना है।
 
मुंगेर से कोयलांचल लाइव के लिए मोहम्मद इम्तयाज खान की रिपोर्ट