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देश में 11% लोगों को जीवन भर कैंसर का खतरा, क्या हैं कारण...
9/1/2025 3:55:48 PM IST
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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Cancer Risk in India:
दुनिया भर में कैंसर के मामलों पर नजर डालें तो भारत देश दूसरे नंबर पर आता है जहां कैंसर के मामले सबसे अधिक पाए जाते हैं. पहले नंबर पर है चीन. इन देशों में आबादी भी अधिक है जिसके चलते कैंसर के मामले भी अधिक पाए जाते हैं. International Agency for Research on Cancer के GLOBOCAN के 2022 के डेटा के अनुसार भारत में कैंसर के 14 लाख के करीब मामले सामने आए थे. वहीं करीब 9 लाख से अधिक लोगों की कैंसर से डेथ हुई थी. समझेंगे की भारत में कैंसर के मामले इतने अधिक क्यों हैं?
कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए पिछले दिनों एक रिसर्च की गई जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. 20 अगस्त को जावा नेटवर्क की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि भारत में लगभग हर दसवें व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने के अनुमान हैं. यानी आबादी के करीब 11 प्रतिशत लोग इस जानलेवा बीमारी का सामना करते हैं. National Cancer Registry Programme Investigator Group ने ये शोध किया है। इस स्टडी में 7 लाख से ज्यादा कैंसर के मामलों को रिसर्च किया गया. साथ 2 लाख उन मामलों को स्टडी किया गया जिनमें कैंसर से मौतें हुई थी. यह आंकड़ा बताता है कि कैंसर अब सिर्फ समस्या नहीं, एक बड़े पैमाने की चुनौती बन चुका है.
कौन से राज्य हैं ज्यादा प्रभावित
मिजोरम की राजधानी आइजोल कैंसर के मामलों में सबसे अधिक प्रभावित है. यहां सबसे ज्यादा कैंसर के मामले सामने आए. यहां हर 1 लाख पुरुषों में से 256 पुरुषों को कैंसर पाया गया वहीं हर एक लाख महिलाओं में से 217 को कैंसर हुआ.
पूर्वोत्तर भारत के 6 जिले सबसे गंभीर है, जहां सबसे अधिक कैंसर के मामले पाए जा रहे हैं. यहां के अलावा कश्मीर घाटी और केरल में भी कैंसर होने की दर अधिक पाई गई. हैदराबाद में हर 1 लाख महिलाओं में 154 महिलाएं कैंसर की मरीज पाई गईं.
ब्रेस्ट कैंसर और ओरल कैंसर के मामले अधिक
देश के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में दो तरह के कैंसर के मामले अधिक हो रहे हैं जैसे पहला है एसोफैगल कैंसर. ये खाने की नली में होने वाला कैंसर है. दूसरा है पेट में होने वाला कैंसर. बड़े शहरों में ब्रेस्ट कैंसर और ओरल कैंसर के मामले अधिक पाए जा रहे हैं. वहीं गांवों में सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक पाया गया.
दिल्ली की स्थिति चिंताजनक
दिल्ली की स्थिति खासतौर पर चिंताजनक है. महानगरों में प्रदूषण, बदलती लाइफस्टाइल, खानपान की आदतें और स्क्रीनिंग की कमी जैसी वजहें मिलकर यहाँ कैंसर के मामलों को बढ़ावा दे रही हैं. दिल्ली में युवा वर्ग में ब्लड कैंसर (Acute Myeloid Leukemia) के केस बढ़ते दिख रहे हैं.
3,000 नए कैंसर के मामले दिल्ली में
हाल के सालों में सिर्फ दिल्ली में इस प्रकार के करीब 3,000 नए केस हर साल दर्ज किए जा रहे हैं, जिनमें 30 से 40 साल उम्र के लोगों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है. ये आंकड़े हमें बताता है कि कैंसर सिर्फ बुजुर्गों की नहीं, बल्कि युवा वर्ग की जिंदगी को भी प्रभावित कर रहा है.
दिल्ली में सिर्फ ब्लड कैंसर ही नहीं, लंग कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं—वो भी बिना धूम्रपान करने वाले लोग! इसका एक बड़ा कारण है दिल्ली की दूषित हवा और बढ़ता प्रदूषण. रोज़ाना साँस के साथ शरीर में पहुंच रहे PM2.5 जैसे जहरीले कण, लंग कैंसर और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का सबसे बड़ा स्रोत हैं.
क्या है कारण और बचाव
तेजी से बढ़ती आबादी और उम्रदराज लोग, खराब खानपान और जीवनशैली, प्रदूषण, खासकर शहरों में, समय पर जांच और इलाज की कमी शामिल हैं. देश में लगभग 11% लोगों को जीवनभर कैंसर का खतरा होना एक चेतावनी है. लेकिन अगर हम अपने खान-पान, पर्यावरण, जांच व इलाज की व्यवस्था और जीवनशैली में सुधार लाएँ, तो इस खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है. आपकी अगली कदम, आपका स्वास्थ्य तय करता है.
कोयलांचल लाइव डेस्क
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