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चुनाव को लेकर चिराग का गुस्सा कहीं एनडीए के असंतुष्टों की चाल तो नहीं ?
 
बड़े भाई बनाने का नाटक से आ रही है साजिश की बू

9/13/2025 4:46:13 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Dhanbad : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू जदयू के बीच बड़ा भाई बनने की स्पर्धा ने एनडीए गति में कहीं बाधा न जाय। यह स्पर्धा बिहार एनडीए में सीट बटवारा को लेकर है ,सत्ता में हमेशा से कॉलर खड़ा कर चलने वाली जदयू को परिणाम के आधार पर धक्का न लग जाय। ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू जदयू के बीच बड़ा भाई बनने की स्पर्धा इस बार क्या रंग लाएगी यह वर्तमान जदयू के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अर्थात सीट बटवारा में पहले की तरह भाजपा की तुलना में जदयू को एक दो सीट ही जरूर अधिक मिले। इससे वह बड़े भाई बनने की स्थिति में इस बार भी रहेगा । लेकिन इसका विरोध करने का हक एकमात्र भाजपा ही को हीं है जो पिछली चुनाव परिणाम के आधार पर कहने में सक्षम है । बिहार में एनडीए के किसी भी घटक दलों में नहीं है। लेकिन एनडीए में  केंद्रीय स्तर पर इस प्रकार की स्थिति अब तक नहीं बन पाई है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में चल रही सभाओं में अब तक सब कुछ ठीक-ठाक चल रही  है।
 
 
एनडीए गठबंधन का एकमात्र दल लोजपा (रामविलास) के नेतृत्व कर्ता तथा प्रधानमंत्री मोदी से नजदीक बनाये रखने वाले चिराग पासवान हैं ,हालांकि चुनावी सभा के माध्यम से संकेत के तौर पर वह एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी व बिहार सी एम नीतीश कुमार के उपस्थिति में इशारा कर चुके हैं। अनुमान लगाई जा रही है कि  उस इशारे में भी राज हो सकती है।  चिराग का इस प्रकार सभा में भड़कना कहीं भाजपा की कोई नियोजित साजिश  तो नहीं ? स्पष्ट है कि भाजपा सीधे तौर पर अभी जदयू पर हमला बोलना नहीं चाहती। भले सबूती तौर पर उसे बिहार में नुकसान हीं क्यों न पहुंच रही हो।चर्चा है कि भाजपा की यह सोच है कि वर्तमान में जदयू पर सीधे हमला बोलना "आ बैल मुझे मार" वाली कहावत को कहीं चरितार्थ न कर दे । क्योंकि इससे केंद्र में बैठी सरकार को एनडीए के चलते नुकसान हो सकती है। और जब कोई स्वतः नुकसान की ओर जा रहा हो तो उसके लिए बल क्यों लगाना है ? नीतीश कुमार जातीय राजनीति के कितने भी बड़े खिलाड़ी हो लेकिन वर्तमान में उनके पार्टी में बिखराव हो रही है यह तो स्पष्ट है और उम्र के हिसाब से भी अब वह बहुत कुछ अधिक  कूटनीति करने के स्थिति में नहीं है। ऐसे में इस समय जदयू को चोट पहुंचाना भाजपा कहीं से भी न्याय संगत नहीं मानती। अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं यही वजह तो नहीं कि भाजपा व गठबंधन दल  मौन स्थिति में चिराग पासवान को हथकंडा बनाकर खेल रहा हो ?
 
 
क्योंकि वर्तमान में बिहार में नीतीश की स्वार्थ वाली कार्यशैली से उनके साथ के  गठबंधन के नेताओं में भी असंतोष है। लेकिन एनडीए गठबंधन मे इस मामले में अब तक कोई  मुखर नहीं होना चाहता। ऐसे में उन्होंने यह काम सांकेतिक रूप से युवा नेता चिराग के जरीये  करवा रहे हैं ? स्थिति चाहे जो भी हो लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार किसी भी स्थिति में जीत तो एनडीए की ही होनी है भले इंडिया गठबंधन कितना भी बल लगा ले। क्यों कि विपक्ष में तेजस्वी और राहुल जैसे लोग हैं जिनकी रिकॉड बताने की जरूरत नहीं। बिहार हीं नहीं पूरे राष्ट्रिय स्तर पर न्यूज से लेकर सोशल मिडिया तक इनकी तूती बोल रही है।      
 
उमेश तिवारी कोयलांचल लाइव डेस्क