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अलग-अलग स्थानीय भाषा को लेकर बढ़ रहा है झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में विवाद 
 

6/10/2025 5:00:37 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Ranchi  :  झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग स्थानीय भाषा को रखा गया है।  इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।  पलामू के बाद अब खूंटी जिले में भी इसका विरोध शुरू हो गया है।  पलामू में जहां नागपुरी और कुडुख भाषा को शामिल किया गया है।  वहां के लोग भोजपुरी और मगही की मांग कर रहे हैं।  वहीं खूंटी में मुंडारी भाषा को स्थानीय भाषा के तौर पर शामिल नहीं किया गया है।  इसके खिलाफ लोगों ने विरोध छेड़ दिया है।आदिवासी मुंडारी भाषा संस्कृति बचाओ संघर्ष समिति ने कहा कि मुंडारी भाषा ने भगवान बिरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा और डॉ रामदयाल मुंडा जैसे महान व्यक्तित्वों को जन्म दिया है।  झारखंड राज्य की स्थापना में मुंडाओं की भूमिका ऐतिहासिक रही है।  इसके बावजूद नई नियमावली में मुंडारी भाषा को खूंटी जिले से हटाना एक साजिश प्रतीत होती है।
 
 
रांची से कोयलांचल लाइव के लिए एन तिवारी की रिपोर्ट