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मालदीव को पर्यटन में भारी गिरावट, भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश जारी

7/27/2025 11:04:08 AM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edited By - Saba Afrin 
 
जनवरी 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ मालदीव के 3 उपमंत्रियों की ओर से विवादित टिप्पणी किए जाने दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ गया. असर सोशल मीडिया पर भी दिखा और लोग वहां से जाने का प्लान कैंसल करने लगे थे. भारतीय पर्यटकों की संख्या साल 2023 में 2 लाख से घटकर 2024 में 1 लाख पर आ गई. अब मालदीव इस संख्या को बढ़ाना चाहता है। 
मोहम्मद मुइज्जू नवंबर 2023 में जब मालदीव के राष्ट्रपति बने थे तब से वहां पर भारत विरोधी गतिविधियों में तेजी आ गई थी. मुइज्जू को मालदीव के अन्य राष्ट्रपतियों की तुलना में चीन का बड़ा समर्थक माना जाता रहा है. चुनाव प्रचार के दौरान “इंडिया आउट” अभियान के जरिए वह राष्ट्रपति चुनाव भी जीतने में कामयाब रहे थे. पिछले 2 सालों में दोनों देशों के रिश्ते काफी गिरे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे से रिश्तों में पड़ी बर्फ के पिघलने की उम्मीद बढ़ गई है। 
खुद राष्ट्रपति मुइज्जू भी इस दौरे से खासे उत्साहित हैं क्योंकि उनके सत्ता में आने के बाद भारतीय लोग ‘भारत विरोधी’ मालदीव जाने से किनारा करने लगे थे. करीब 2 साल पहले तक मालदीव घूमने जाने के मामले में भारत पहले स्थान पर हुआ करता था. लेकिन अब इसमें गिरावट आई है. मालदीव इस गिरावट से बहुत परेशान है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था का काफी कुछ पर्यटन से ही जुड़ा हुआ है। 
पीएम मोदी की तारीफ करते राष्ट्रपति मुइज्जू
पीएम मोदी पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को लगातार बेहतर करने की रणनीति पर काम करते रहे हैं. ब्रिटेन का दौरा पूरा करने के बाद पीएम मोदी 2 दिन के लिए मालदीव के दौरे पर गए. इस दौरान वह वहां मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में भी शामिल हुए। 
राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस दौरे को लेकर कहा, “पीएम मोदी एक बेहतरीन इंसान हैं, जो पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में रुचि रखते हैं.” उन्होंने कहा कि वह एक बेहतरीन शख्स हैं, जो पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने में रुचि रखते हैं. भारत और मालदीव के बीच रिश्ते काफी पुराने और उनकी अगुवाई में ये संबंध और भी बेहतर होंगे.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत उन अहम देशों में से एक है जो मालदीव में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करता है। 
चुनाव में चलाया था ‘इंडिया आउट’ अभियान
दोनों पड़ोसी देशों के बीच सदियों से मधुर रिश्ते रहे हैं. भारत हमेशा से मालदीव के साथ खड़ा रहा है और उसे हरसंभव मदद भी मुहैया कराता रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर क्या वजह रही कि मालदीव के रिश्ते भारत के साथ बिगड़ गए। 
इसके पीछे की वजह भी खुद राष्ट्रपति मुइज्जू ही हैं. नवंबर 2023 में मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव हुए. चुनाव में मुइज्जू ने अपनी भारत विरोधी रुख को बनाए रखा. उन्होंने प्रचार के दौरान “इंडिया आउट” अभियान चलाया और उनकी जीत में इस अभियान की बड़ी भूमिका रही. वह राष्ट्रपति चुने गए। 
मोदी के खिलाफ 3 मंत्रियों की टिप्पणी
वह खुद भी भारत के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए हुए थे. वह चीन के प्रति साफ्ट थे और बीजिंग का दौरा कर चुके थे. पिछले साल जनवरी में चीन का दौरा करने के बाद उन्होंने भारत का नाम लिए बिना ही धमकी भरे लहजे में कहा था, “मालदीव भले छोटा सा मुल्क है लेकिन इससे किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है। 
लेकिन यहीं से रिश्ते खराब होते गए. फिर मुइज्जू सरकार के 3 उपमंत्रियों की ओर से जनवरी 2024 में पीएम मोदी की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किए गए. इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर हलचल तेज हो गई. भारत में बड़ी संख्या में पर्यटन स्थल के रूप में मालदीव का बहिष्कार करने का अभियान चलाया. #BoycottMaldives भी ट्रेंड करने लगा. लोगों ने अपनी बुकिंग तक कैंसल कर दी. लोगों ने यहां घुमने का अपना प्लान छोड़कर लक्षद्वीप जाने का प्लान बनाया जाने लगा। 
फिर मालदीव को होने लगा नुकसान
मालदीव के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जाने से हुआ यह कि पड़ोसी देश को आर्थिक रूप से नुकसान होने लगा. उसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही टिकी है और उसे नुकसान होने लगा. भारत तेजी से मालदीव जाने के मामले में नीचे आता गया और वह शीर्ष से छठे स्थान पर आ गया. जबकि 2023 में चीन तीसरे स्थान पर था. यहां तक ट्रैवल एजेंसियों ने देश को ब्लैकलिस्ट कर दिया। 
कैसे आया दोनों के बीच रिश्तों में सुधार
फिर आया रिश्तों में सुधार का दौर. मालदीव कई तरह के आर्थिक संकटों से जूझ रहा था. संकट से घिरे देश की मदद के लिए एक बार फिर भारत आगे आया. इससे मुइज्जू की आक्रामकता थोड़ी कम हुई. भारत ने मालदीव की मदद करते हुए कर्ज चुकाने की मियाद बढ़ा दी थी. दोनों देशों खासकर मालदीव ने संबंधों में सुधार की कोशिश तेज कर दी। 
तल्ख होते रिश्तों के बीच अब मालदीव को उम्मीद है कि भारतीय पर्यटक फिर से मालदीव घूमने का प्लान करेंगे. मालदीव ने साल 2025 में यह टारगेट सेट कर रखा है कि इस साल 3 लाख भारतीय घूमने के लिए इस द्विपीय देश आएंगे. जबकि 2023 में मालदीव जाने वालों में भारतीय पहले नंबर पर थे, लेकिन 2024 में छठे स्थान पर आ गए। 
मालदीव को हो रहा था नुकसान
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं, पिछले साल (2024) मालदीव में दुनियाभर से 20,46,615 पर्यटक आए, जबकि 2023 में 18,78,543 पर्यटक यहां आए. 2024 में चीन पहले स्थान पर और उसके बाद रूस दूसरे स्थान पर रहा. जबकि जुलाई 2024 तक मालदीव आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 42.5 फीसदी की गिरावट देखी गई. 2023 में जनवरी से अप्रैल के बीच मालदीव में भारत से 73,785 पर्यटक आए, जबकि 2024 में इसी अवधि में महज 42,638 पर्यटक ही आए. इस तरह से इस दौरान 31,147 पर्यटक कम पहुंचे.
पर्यटकों की कमी से मालदीव के राजस्व में खासी गिरावट आई. एक अनुमान के मुताबिक, भारत से मालदीव की यात्रा पर 7 दिनों के प्रवास पर हर व्यक्ति करीब 1.5 लाख रुपये खर्च करता है. इस तरह से 31,147 पर्यटकों की कमी के आधार पर देखा जाए तो उसे 468 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जबकि मालदीव जाने वाले भारतीयों में ज्यादातर अमीर वर्ग के लोग जाते हैं जिनके बारे में दावा किया जाता है कि एक रात के लिए वो 2,500 से 5,000 डॉलर (करीब 2.16-4.32 लाख रुपये) खर्च करते हैं। 
भारतीयो को रिझाने की कोशिश
मालदीव मार्केटिंग एंड पब्लिक रिलेशंस कॉर्पोरेशन (एमएमपीआरसी) के अध्यक्ष अब्दुल्ला गियास ने फरवरी में भारतीयों को फिर से मालदीव बुलाने के मकसद से खास रणनीति बनाने की बात कही थी. उनका कहना था कि 3 लाख पर्यटकों को यहां बुलाने के लिए भारत में महीने के स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए भारत में बड़े स्तर पर अभियान चलाए जाएंगे. भारत में विज्ञापन, क्रिकेट समर कैंप और एयरलाइन के जरिए यह कोशिश की जाएगी। 
 
कोयलांचल लाइव डेस्क