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विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में नेपाली पिंडदानियों की जुबानी  वहां की मची तबाही की कहानी 
 

9/11/2025 4:30:09 PM IST

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कोयलांचल लाइव डेस्क, Koylachal Live News Team
Edit by umesh tiwary .
 
Gya jee  : नेपाल से काफी संख्या में तीर्थ यात्री अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर बिहार के गया जी में पिंडदान करने आए हैं।  नेपाली तीर्थयात्री गयाजी में पितरों की मोक्ष की कामना कर रहे हैं।  हालांकि, उनके चेहरे पर शिकन है।  शिकन इसलिए है, क्योंकि नेपाल के हालात अभी पूरी तरह से कंट्रोल में नहीं हैं।  ऐसे में उन्हें घर की चिंता भी सता रही है।  गया जी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है।  पितृपक्ष मेले में देश और विदेशों से पिंडदानियों का आना जारी है।  इस क्रम में नेपाल से भी काफी संख्या में तीर्थयात्री गयाजी धाम को आए हुए हैं।  गया जी में पहुंचे तीर्थ यात्रियों के द्वारा पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान का कर्मकांड किया जा रहा है।  हालांकि, इसके बीच उन्हें अपने देश के हालातो को लेकर चिंता भी है।  हमारे चैनल ने नेपाली तीर्थ यात्रियों से बात की, तो कई तरह की बातें सामने आई।  भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाना नेपाल हिंसा का प्रमुख बिंदु रहा।  आइए बताते हैं, नेपाली तीर्थ यात्रियों की जुबानी कि नेपाल में कैसे हिंसा भड़की और अभी की क्या स्थिति है। नेपाली पिंडदानी गयाजी धाम मोक्ष भूमि में वे हैं।  हालांकि इसके बीच में चिंता नेपाल के हालातो को लेकर भी है।  इनका कहना है  कि वहां के हालात अभी बुरे हैं।  स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पूरी तरह से कंट्रोल नहीं है।  वहां प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ जो विद्रोह हुआ है, वह अब भी जारी है।  उनके इस्तीफे के बाद उन्हें लोग तलाश रहे हैं।  अलग-अलग स्थान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।  यह बताते हैं, कि भ्रष्टाचार और मनमानी के चलते यह सब हुआ है।  ओली सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला था।  वही, सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, युटुयूब आदि सेवाओं पर जो प्रतिबंध लगाया गया, तो जेनजेड वाले युवा संगठन ने इसका विरोध किया।  इस संगठन में 13 से 18 वर्ष की उम्र के छात्र हैं।  छात्रों का इस संगठन ने जब प्रदर्शन शुरू किया, तो ओली सरकार ने इनपर गोलियां चलवाई।  इसके बाद काठमांडू से हिंसा भङकी और नेपाल में इसका व्यापक असर है।  नेपाल में हिंसा में कई मारे गए हैं।  इसमें 13 साल की उम्र के जेनजेड के छात्र भी हैं।  स्थिति अच्छी नहीं है  13-13 साल की उम्र के युवा मारे गए हैं, तो आंदोलन की आग खत्म नहीं हो रही है।  छात्रों के मारे जाने के बाद हिंसा भड़की जो अभी भी जारी है।  वही नेपाली पिंडदानी बताते हैं, कि अब ओली सरकार ने इस्तीफा दिया है, तो हिंसा में कमी आई है, लेकिन जब तक अंतरिम सरकार का गठन नहीं हो जाता है, तब तक पूरी तरह से शांति की बात नहीं हो सकती है।  जैसा कि  उन्हें दिख रहा है नेपाली पिंडदानी ने बताया कि सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म बंद कर दिए गए थे।  नेपाल की ओली सरकार पहले से ही भ्रष्टाचारी थी।  ऐसे में विरोध स्वाभाविक था और जब छात्रों पर गोलियां चली, तो नेपाल में हिंसा बेकाबू हो गई।  अब भी स्थिति सही नहीं है।  नेपाली पिंडदानी ने कहा कि पहले राजतंत्र था, आज प्रजातंत्र है।  प्रजातंत्र भी अच्छा है, लेकिन राजतंत्र भी अच्छा था।  इनका मानना है कि सरकार की गलती से हिंसा भटकी।  अब घर की चिंता यहां से हो रही है, देश की चिंता हो रही है।  अंतरिम सरकार का गठन करके शांतिपूर्ण वातावरण बनाना चाहिए।  प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दिया है, लेकिन वे लापता चल रहे हैं।  वहीं, इस तरह के हिंसा से नेपाल से आए एक तीर्थ यात्री काफी निराश है।  वह अपने पितरों का पिंडदान करने गया जी आए हैं।  कहते हैं कि नेपाल के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां शांति है।  वह नेपाल के वर्जिया आदि क्षेत्रों की बात कर रहे हैं, जहां शांति है।  इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी।  नेपाल की हिंसा जो हुई है, उसके लिए नेता जिम्मेदार हैं।  सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त थी. थाना, संसद में आग लगाई गई. अब नेपाल-भारत बॉर्डर पर सख्ती है,  वह अभी फिलहाल अपने पितरों का उद्धार करने के लिए पिंडदान का कर्मकांड कर रहे हैं।  वहीं, पिंडदान का कर्मकांड कराने में जुटे पुजारी बताते हैं, कि देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से यहां पिंडदानी आते हैं।  नेपाल से भी पिंडदानी आ रहे हैं। जेनजेड छात्र संगठन पर सरकार ने गोली चलाने का आदेश दिया, जिसके बाद काठमांडू में हिंसा हुई।  नेपाल में हुई हिंसा के लिए ओली सरकार जिम्मेदार है, जो कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया।  यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त थी।  नेपाल में अभी शांति नहीं है।  वहां कर्फ्यू लगाया गया, लेकिन अशांति अब भी बनी हुई है।  जब तक नेपाल में अंतिम सरकार का गठन नहीं हो जाता, पूरी तरह से शांति होने की उम्मीद नहीं है। 
 
 
गया जी से कोयलांचल लाइव के लिए मनोज कुमार की रिपोर्ट